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लड़कियों की शिक्षा पर निबंध | Essay On Girl Education In Hindi

नमस्कार साथियों Essay On Girl Education In Hindi लड़कियों की शिक्षा पर निबंध आज हम पढ़ेगे. वर्तमान समय में बालिका शिक्षा और इसके महत्व पर छोटा और बड़ा हिंदी निबंध यहाँ दिया गया हैं.

हम उम्मीद करते है गर्ल एजुकेशन का यह एस्से आपकों पसंद आएगा.

Essay On Girl Education In Hindi लड़कियों की शिक्षा पर निबंध

Read Here One Or more Short And long Essay On Girl Education In India.

Short Essay On Girl Education In Hindi लड़कियों की शिक्षा पर निबंध

बेटी घर का चिराग है, वे भी एक इंसान हैं. जननी हैं जो हमारे अस्तित्व का प्रमाण हैं. काश गर्भस्थ शिशु बोल सकता हैं. यदि वह बोलता तो शरीर को चीरते औजारों को रोक सकता हैं. और कहता माँ मुझे भी जीने दो, इस दुनिया में जन्म लेने दो.

मगर यह भी हो सकता हैं उस समय भी बेटे की चाह रखने वाले ये कसाई सोच के निर्दयी माता-पिता नही सुनते, जो दोनों की इच्छा से इस तरह के कृत्य को अंजाम दे जाते हैं.  ये सवाल हमेशा उन लोगों पर उठता रहेगा जो कन्या हत्या के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं.

बेटी किसी के परिवार के आंगन का नन्हा सा फूल होता हैं, बेटी के जन्म से ही उनकी जंग की शुरुआत हो जाती हैं. बचपन से ही उन्हें बेड़ियों में जकड़ दिया जाता हैं. हर स्थति में उन्हें यह याद दिलाया जाता हैं, कि वो एक लड़की हैं और उन्हें एक लड़की की तरह लज्जा का आवरण ओढ़े रहना चाहिए.

इसी कारण आज हमारा देश कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज मृत्यु के रूप में समाज में आज भी वो दंश झेल रही हैं. परोक्ष रूप से आज भी हम ऐसे लोगों और चिकित्सकों को देखते हैं, जो सार्वजनिक रूप से बेटी का गुणगान करते हैं.

बेटी भारत का भविष्य हैं. जैसे वाक्यांश अकसर सुनने को मिलते हैं. मगर जब हम अपनी हकीकत की मुआयना करे तो यकीनी तौर पर आज भी हम उन लोगों के साथ खड़े नजर आते हैं. बेटी किसी न किसी रूप में कन्या भ्रूण हत्या के भागी हैं.

हमे नित्य महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा, दहेज के लिए प्रताड़ना और भेदभाव जैसी खबरे सुनने देखने को मिलती हैं. इस तरह के वातावरण को समाप्त करने के लिए सरकार द्वारा कई कानूनों को भी पारित किया गया. मगर जन समर्थन के अभाव में अपेक्षित परिणाम नजर नही आ रहे हैं.

बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ की दिशा में माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया. बेटी बचाओं बेटी बचाओं एक सकारात्मक कदम हैं.

आजादी के बाद से हमारा देश विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति कर रहा हैं. मगर 70 सालों बाद भी स्त्री को समाज में वह स्थान नही मिल पाया हैं. जिसकी वह असली हकदार हैं. यही वजह हैं कि भले ही कठोर नियम और कानून कायदे बना दिए गये हो मगर उनका कठोरता से पालन नही किया जाता हैं.

भारत में भ्रूण का लिंग परीक्षण पूर्णतया निषेध और गैर क़ानूनी होने के उपरांत भी खुले आम इसकी धज्जियां उड़ाई जाती हैं. आज भी लोगों की यह गलत सोच हैं कि बेटा हमारे अधिक काम का होगा. बेहतर यही हैं बेटा जन्मे या बेटी इन्हें भगवान् की कृपा समझकर हमे स्वीकार कर लेना चाहिए.

यदि हम अपनी सन्तान में बेटा बेटी का अंतर न करते हुए उन्हें अच्छी शिक्षा और बेहतर मार्ग दर्शन दे तो वह बेटी भी कभी भी बेटे की कमी का अहसास नही होने देगी.

भले ही बहुत से लोग उच्च  शिक्षा हासिल कर सभ्य समाज के अंग बन गये हैं, मगर उनकी सोच और मानसिकता अभी भी वही हैं जो मध्ययुग में लोगों की हुआ करती थी. लड़के-लड़की में भेद कर हम भी उन लोगों का अप्रत्यक्ष समर्थन करते है जो बेटी के विरोधी हैं.

लड़कियों / बालिका की शिक्षा पर निबंध 2

आज के युग में शिक्षा व्यक्ति के लिए अनिवार्य बन चुकी हैं. जीने के लिए जिस तरह जल, भोजन व प्राणवायु की नितांत आवश्यकता होती है,  ठीक  उसी  प्रकार मानव  से अच्छा व्यक्ति बनने के लिए शिक्षा को जरुरी मान लिया गया हैं.

जन्म के समय बालक पशु प्रवृति की तरह होता हैं, वह शिक्षा ही है जो उसकी बुद्धि तथा चेतना का विकास कर उसे जीवन के तौर तरीके तथा आस-पास की चीजों के बारे में ज्ञान देती हैं.

अन्यथा इन समस्त के अभाव में मनुष्य और पशु में कोई फर्क नहीं रह जाता हैं. ज्ञान साधना के बिना   व्यक्ति यह निश्चय नहीं कर पाता  कि उनके  लिए सही क्या है और  गलत क्या है  यही शिक्षा सिखाती हैं.

बालिका शिक्षा की आवश्यकता (essay on girl education in hindi language)

शिक्षा व्यक्ति को सजगता की तरफ ले जाती हैं, शिक्षा का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह हमें अपने अधिकारों तथा कर्तव्यो के साथ ही प्रकृति में विद्यमान सभी तत्वों की मूलभूत जानकारी सही उपयोग के बारे में बताती हैं.

एक अच्छी कहावत है कि यदि एक लड़का शिक्षित होता है तो केवल वह एक ही होता है जबकि एक लड़की शिक्षित होने पर पूरा परिवार शिक्षित होता हैं.

हमारा समाज तेजी से बदल रहा हैं. समय के चक्र ने हमें ज्ञान करा दिया हैं कि यदि राष्ट्र के विकास की यात्रा को तेजी से बढ़ाना है तो लड़के व लड़कियों के भेद को समाप्त कर उन्हें शिक्षा के अवसर मुहैया कराने होंगे.

क्योंकि  किसी बड़े वर्ग की  उपेक्षा  कर कोई भी राष्ट्र उन्नति के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता हैं. महिलाओं की विकास में हिस्सेदारी के लिए हमें उन्हें शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध करवाने होंगे.

भले ही संविधान द्वारा महिलाओं को समान राजनितिक, आर्थिक व धार्मिक अधिकार दिए हो मगर जब तक उनमें शिक्षा का अभाव रहेगा वे अपने हक की लड़ाई नहीं लड़ पाएगी.

परिवार में बालिका को सम्पति का अधिकार तो दिया मगर जब तक वह अपने भाइयों माता पिता को बाध्य नहीं कर सकती, यह अधिकार उसके लिए निरुपयोगी होगा.

लड़की शिक्षा का महत्व (essay on importance of girl education in hindi)

आज हम जिस समाज में रह रहे है हम जानते है कि शिक्षा के अभाव में बालिकाओं के अधिकारों का शोषण कितनी आसानी से कर लिया जाता हैं. भारत का कानून प्रत्येक महिला को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार तो देता हैं. साथ ही उसके चाहने पर तलाक लेने का प्रावधान भी हैं.

मगर क्या हम यह नहीं जानते कि कितने महिलाएं इस अधिकार का उपयोग कर पाती हैं. ऐसा न करने के लिए उस पर तरह तरह के दवाब बनाए जाते हैं.

परम्परागत मूल्यों के चलते वह इस प्रकार के निर्णय करने का साहस नहीं कर पाती हैं. शादी के बाद बालिकाओं को अपनी जागीर समझकर मनचाहे बर्ताव और उनके साथ उत्पीड़न की घटनाएं नित्य हमें पढने को मिल ही जाती हैं.

शिक्षा के आगमन से बालिकाओं में साहस की जागृति होती हैं उसे अपने अधिकारों तथा विवेक का ज्ञान होने लगता हैं जिसका उपयोग वह अपने प्रति हो रहे शोषण के प्रतिरोध में कर सकती हैं.

शिक्षा न केवल उन्हें जागरूक बनाती हैं बल्कि एक उदार तथा व्यापक दृष्टिकोण का भी जन्म देती हैं जिससे वह अपनी रूचि, मूल्य तथा भूमिका को स्वयं तय करने लगेगी.

लड़कियों की शिक्षा पर अनुच्छेद व लेख (article & paragraph on girl education in hindi)

बेटा बेटी में समानता को बेटियों को शिक्षित करके ही पाया जा सकता हैं. सभी को निशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का नियम तो बना है मगर स्वयं लड़कियों को स्कूल जाने अथवा उनके अभिभावकों को इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.

आज समय की मांग है कि हम लड़कियों की शिक्षा के बारें में अपने विचारों को बदले तथा उन्हें स्कूल भेजे.

लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने, लड़कियों में निरक्षरता को दूर करने तथा प्राथमिक शिक्षा तक उनकी पहुच बनाने तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आ रही परेशानियों को समाप्त करने का प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में भी किया गया हैं.

भारत में लड़कियों की शिक्षा के इतिहास को देखे तो मालूम पड़ता हैं कि मध्यकाल को छोड़ दिया जाए तो हमारी बेटियों ने हर युग में शिक्षा संस्कार को पाया हैं. ऋग्वेद काल में भी बेटियों को शिक्षा देने की पूर्ण व्यवस्था थी, कोमश, लोपामुद्रा, घोषा और इन्द्रानी उन महिलाओं के नाम है जिन्हें ब्रह्मवादिनी कहा गया.

पतंजली के शाक्तिकी से ज्ञात होता है उस दौर में नारियों को सैनिक शिक्षा देने की व्यवस्था भी थी. मगर मध्यकाल में मुगल काल में स्त्री शिक्षा की परम्परा पूर्ण रूप से चरमरा गई.

खासकर हिन्दू समाज की लड़कियों को पर्दा, बाल विवाह तथा सती प्रथा जैसी रीतियों में बांधकर घर की चारदीवारी तक ही सिमित कर दी.

19 वीं सदी के जनजागरण और सामाजिक धार्मिक आंदोलनों ने एक बार फिर से भारत में लड़कियों की शिक्षा व्यवस्था को पुनः स्थापित किया.

चाहे वो 1882 का हंटर कमिशन हो या 1916 में लेडी होर्डिंग कॉलेज की स्थापना अथवा ज्योतिबा और सावित्री बाई द्वारा बालिकाओं को शिक्षा देने की पहल भारत में लड़कियों की शिक्षा के लिए ये प्रयास मील के पत्थर साबित हुए.

पुरुष प्रधान समाज ने हमेशा की लड़कियों की शिक्षा की राह में रोड़ा बने हैं ऐसा करके वे स्वयं के साथ बहुत बड़ा धोखा करते हैं क्योंकि परिवार की उन्नति, बच्चों का लालन पोषण और उनके संस्कार गृहिणी पर ही निर्भर करते हैं.

यदि माँ शिक्षित हैं तो वह अपने बच्चे को न सिर्फ अच्छे संस्कार देगी बल्कि उन्हें शिक्षित करने, बुरी प्रवृतियों से बचाने में सबसे बड़ा योगदान दे सकती हैं.

पुरुषों की विकृत मानसिकता में लड़कियों की शिक्षा के सम्बन्ध में कई तरह की भ्रांतियां घर कर चुकी हैं. बेटी को पराया धन मानना, पढने लिखने के बाद अनर्थ अनाचार या उपद्रव की आशंका तथा एक शिक्षित नारी संचालन, सन्तान पालन, भोजन व्यवस्था व पुरुषों की देख रेख ढंग से नहीं कर सकती इस तरह के रुढ़िवादी विचारों को बदलने की आवश्यकता हैं.

लड़कियाँ पढ़ लिख जाने से अनाचार का शिकार होने की बजाय वह जुल्मों के प्रति और अधिक प्रखर लड़ सकती हैं. वह न केवल घर संचालन और बच्चों की परवरिश ढंग से कर सकती हैं बल्कि वे पति के साथ मिलकर आर्थिक कार्यों में भी भाग ले सकती हैं.

आज हमारे देश की बेटियां बड़े बड़े पदों पर हैं तथा उतनी ही सफलता से उन कम्पनियों तथा विभागों को चला रही हैं जितने कि पुरुष नहीं कर सकते हैं.

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i am a girl essay in hindi

महिला सशक्तिकरण पर निबंध – Women empowerment essay in Hindi

essay on women empowerment in hindi

Women Empowerment Essay in Hindi – Important Topics for All Classes 5th to 12th – हिंदी में महिला सशक्तिकरण पर निबंध

Essay on Women Empowerment in Hindi

  • Essay on Women Empowerment in Hindi is Important for 5,6,7,8,9,10,11 and 12th Class.
  • इस लेख में हम महिला सशक्तिकरण का अर्थ, भारत में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता, महिला सशक्तिकरण के लाभ पर चर्चा करेंगे। “

महिला सशक्तिकरण’ के बारे में जानने से पहले हमें ये समझ लेना चाहिए कि हम ‘सशक्तिकरण’से क्या समझते है । ‘सशक्तिकरण’ से तात्पर्य किसी व्यक्ति की उस योग्यता से है जिसमें वो अपने जीवन से जुड़े सभी निर्णय स्वयं ले सके।

‘महिला सशक्तिकरण’ के इस लेख में भी हम उसी क्षमता की बात कर रहे हैं, जहाँ महिलाएँ परिवार और समाज के सभी बंधनों से मुक्त होकर अपने निर्णयों की निर्माता खुद हो।

आशा करते हैं कि यह लेख आपको समाज में महिलाओं की स्थिति और अधिकारों से अवगत करवाने में सक्षम होगा और महिला सशक्तिकरण के विषय में आपकी जानकारी को और अधिक विस्तृत करेगा।

  • महिला सशक्तिकरण का अर्थ
  • भारत में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता
  • भारत में महिला सशक्तिकरण के मार्ग में आने वाली बाधाएँ
  • भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार की भूमिका
  • संसद द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए पास किए कुछ अधिनियम
  • महिलाओं की राष्ट्र निर्माण में भूमिका
  • महिला सशक्तिकरण के लाभ
  • Frequently Asked Questions

प्रस्तावना (introduction) आज के आधुनिक समय में महिला सशक्तिकरण एक विशेष चर्चा का विषय है। हमारे आदि – ग्रंथों में नारी के महत्त्व को मानते हुए यहाँ तक बताया गया है कि “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:” अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते है।

लेकिन विडम्बना तो देखिए नारी में इतनी शक्ति होने के बावजूद भी उसके सशक्तिकरण की अत्यंत आवश्यकता महसूस हो रही है। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का अर्थ उनके आर्थिक फैसलों, आय, संपत्ति और दूसरे वस्तुओं की उपलब्धता से है, इन सुविधाओं को पाकर ही वह अपने सामाजिक स्तर को ऊँचा कर सकती हैं।

राष्ट्र के विकास में महिलाओं का महत्त्व और अधिकार के बारे में समाज में जागरुकता लाने के लिये मातृ दिवस, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आदि जैसे कई सारे कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं। महिलाओं को कई क्षेत्र में विकास की जरुरत है। भारत में, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को मारने वाली उन सभी राक्षसी सोच को मारना जरुरी है, जैसे – दहेज प्रथा, अशिक्षा, यौन हिंसा, असमानता, भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, वैश्यावृति, मानव तस्करी और ऐसे ही दूसरे विषय।

अपने देश में उच्च स्तर की लैंगिक असमानता है। जहाँ महिलाएँ अपने परिवार के साथ ही बाहरी समाज के भी बुरे बर्ताव से पीड़ित है। भारत में अनपढ़ो की संख्या में महिलाएँ सबसे अव्वल है। नारी सशक्तिकरण का असली अर्थ तब समझ में आयेगा जब भारत में उन्हें अच्छी शिक्षा दी जाएगी और उन्हें इस काबिल बनाया जाएगा कि वो हर क्षेत्र में स्वतंत्र होकर फैसले कर सकें।

महिला सशक्तिकरण का अर्थ – Meaning of women empowerment

स्त्री को सृजन की शक्ति माना जाता है अर्थात स्त्री से ही मानव जाति का अस्तित्व माना गया है। इस सृजन की शक्ति को विकसित-परिष्कृति कर उसे सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक न्याय, विचार, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, अवसर की समानता का सु-अवसर प्रदान करना ही नारी सशक्तिकरण का आशय है। दूसरे शब्दों में – महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। ताकि उन्हें रोजगार, शिक्षा, आर्थिक तरक्की के बराबरी के मौके मिल सके, जिससे वह सामाजिक स्वतंत्रता और तरक्की प्राप्त कर सके। यह वह तरीका है, जिसके द्वारा महिलाएँ भी पुरुषों की तरह अपनी हर आकंक्षाओं को पूरा कर सके। आसान शब्दों में महिला सशक्तिकरण को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है कि इससे महिलाओं में उस शक्ति का प्रवाह होता है, जिससे वो अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती हैं और परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती हैं। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना ही महिला सशक्तिकरण है।

भारत में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता – The need for women empowerment in India

भारत में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता के बहुत से कारण सामने आते हैं। प्राचीन काल के अपेक्षा मध्य काल में भारतीय महिलाओं के सम्मान स्तर में काफी कमी आयी। जितना सम्मान उन्हें प्राचीन काल में दिया जाता था, मध्य काल में वह सम्मान घटने लगा था। (i) आधुनिक युग में कई भारतीय महिलाएँ कई सारे महत्वपूर्ण राजनैतिक तथा प्रशासनिक पदों पर पदस्थ हैं, फिर भी सामान्य ग्रामीण महिलाएँ आज भी अपने घरों में रहने के लिए बाध्य है और उन्हें सामान्य स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा जैसी सुविधाएँ भी उपलब्ध नही है। (ii) शिक्षा के मामले में भी भारत में महिलाएँ पुरुषों की अपेक्षा काफी पीछे हैं। भारत में पुरुषों की शिक्षा दर 81.3 प्रतिशत है, जबकि महिलाओं की शिक्षा दर मात्र 60.6 प्रतिशत ही है। (iii) भारत के शहरी क्षेत्रों की महिलाएँ ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के अपेक्षा अधिक रोजगारशील है, आकड़ो के अनुसार भारत के शहरों में साफ्टवेयर इंडस्ट्री में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएँ कार्य करती है, वही ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 90 फीसदी महिलाएँ मुख्यतः कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में दैनिक मजदूरी करती है। (iv) भारत में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता का एक और मुख्य कारण भुगतान में असमानता भी है। एक अध्ययन में सामने आया है कि समान अनुभव और योग्यता के बावजूद भी भारत में महिलाओं को पुरुषों के अपेक्षा 20 प्रतिशत कम भुगतान दिया जाता है।

(v) हमारा देश काफी तेजी और उत्साह के साथ आगे बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसे हम तभी बरकरार रख सकते है, जब हम लैंगिग असमानता को दूर कर पाए और महिलाओं के लिए भी पुरुषों के तरह समान शिक्षा, तरक्की और भुगतान सुनिश्चित कर सके। (vi) भारत की लगभग 50 प्रतिशत आबादी केवल महिलाओं की है मतलब, पूरे देश के विकास के लिए इस आधी आबादी की जरुरत है जो कि अभी भी सशक्त नहीं है और कई सामाजिक प्रतिबंधों से बंधी हुई है। ऐसी स्थिति में हम नहीं कह सकते कि भविष्य में बिना हमारी आधी आबादी को मजबूत किए हमारा देश विकसित हो पायेगा। (vii) महिला सशक्तिकरण की जरुरत इसलिए पड़ी क्योंकि प्राचीन समय से भारत में लैंगिक असमानता थी और पुरुषप्रधान समाज था। महिलाओं को उनके अपने परिवार और समाज द्वार कई कारणों से दबाया गया तथा उनके साथ कई प्रकार की हिंसा हुई और परिवार और समाज में भेदभाव भी किया गया ऐसा केवल भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी दिखाई पड़ता है। (viii) भारतीय समाज में महिलाओं को सम्मान देने के लिये माँ, बहन, पुत्री, पत्नी के रुप में महिला देवियों को पूजने की परंपरा है लेकिन आज केवल यह एक ढोंग मात्र रह गया है। (ix) पुरुष पारिवारिक सदस्यों द्वारा सामाजिक राजनीतिक अधिकार (काम करने की आजादी, शिक्षा का अधिकार आदि) को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया। (x) पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले लैंगिक असमानता और बुरी प्रथाओं को हटाने के लिये सरकार द्वारा कई सारे संवैधानिक और कानूनी अधिकार बनाए और लागू किए गए हैं। हालाँकि ऐसे बड़े विषय को सुलझाने के लिये महिलाओं सहित सभी का लगातार सहयोग की जरुरत है। (xi) आधुनिक समाज महिलाओं के अधिकार को लेकर ज्यादा जागरुक है जिसका परिणाम हुआ कि कई सारे स्वयं-सेवी समूह और एनजीओ आदि इस दिशा में कार्य कर रहे है। (xii) महिलाएँ ज्यादा खुले दिमाग की होती है और सभी आयामों में अपने अधिकारों को पाने के लिये सामाजिक बंधनों को तोड़ रही है। हालाँकि अपराध इसके साथ-साथ चल रहा है।

भारत में महिला सशक्तिकरण के मार्ग में आने वाली बाधाएँ (hurdles in implementation of women empowerment in India)

भारतीय समाज एक ऐसा समाज है, जिसमें कई तरह के रिवाज, मान्यताएँ और परम्पराएँ शामिल हैं। इनमें से कुछ पुरानी मान्यताएँ और परम्पराएँ ऐसी भी हैं जो भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए बाधा सिद्ध होती हैं। उन्हीं बाधाओं में से कुछ निम्नलिखित हैं –

(i) पुरानी और रुढ़ीवादी विचारधाराओं के कारण भारत के कई सारे क्षेत्रों में महिलाओं के घर छोड़ने पर पाबंदी होती है। इस तरह के क्षेत्रों में महिलाओं को शिक्षा या फिर रोजगार के लिए घर से बाहर जाने के लिए आजादी नही होती है। (ii) पुरानी और रुढ़ीवादी विचारधाराओं के वातावरण में रहने के कारण महिलाएँ खुद को पुरुषों से कम समझने लगती हैं और अपने वर्तमान सामाजिक और आर्थिक दशा को बदलने में नाकाम साबित होती हैं। (iii) कार्यक्षेत्र में होने वाला शोषण भी महिला सशक्तिकरण में एक बड़ी बाधा है। नीजी क्षेत्र जैसे कि सेवा उद्योग, साफ्टवेयर उद्योग, शैक्षिक संस्थाएं और अस्पताल इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। (iv) समाज में पुरुष प्रधनता के वर्चस्व के कारण महिलाओं के लिए समस्याएँ उत्पन्न होती है। पिछले कुछ समय में कार्यक्षेत्रों में महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़नों में काफी तेजी से वृद्धि हुई है और पिछले कुछ दशकों में लगभग 170 प्रतिशत वृद्धि देखने को मिली है।

(v) भारत में अभी भी कार्यस्थलों में महिलाओं के साथ लैंगिग स्तर पर काफी भेदभाव किया जाता है। कई सारे क्षेत्रों में तो महिलाओं को शिक्षा और रोजगार के लिए बाहर जाने की भी इजाजत नही होती है। इसके साथ ही उन्हें आजादीपूर्वक कार्य करने या परिवार से जुड़े फैसले लेने की भी आजादी नही होती है और उन्हें सदैव हर कार्य में पुरुषों के अपेक्षा कम ही माना जाता है। (vi) भारत में महिलाओं को अपने पुरुष समकक्षों के अपेक्षा कम भुगतान किया जाता है और असंगठित क्षेत्रो में यह समस्या और भी ज्यादा दयनीय है, खासतौर से दिहाड़ी मजदूरी वाले जगहों पर तो यह सबसे बदतर है। (vii) समान कार्य को समान समय तक करने के बावजूद भी महिलाओं को पुरुषों के अपेक्षा काफी कम भुगतान किया जाता है और इस तरह के कार्य महिलाओं और पुरुषों के मध्य के शक्ति असमानता को प्रदर्शित करते है। संगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को अपने पुरुष समकक्षों के तरह समान अनुभव और योग्यता होने के बावजूद पुरुषों के अपेक्षा कम भुगतान किया जाता है। (viii) महिलाओं में अशिक्षा और बीच में पढ़ाई छोड़ने जैसी समस्याएँ भी महिला सशक्तिकरण में काफी बड़ी बाधाएँ है। वैसे तो शहरी क्षेत्रों में लड़कियाँ शिक्षा के मामले में लड़कों के बराबर हैं, पर ग्रामीण क्षेत्रों में इस मामले वह काफी पीछे हैं। (ix) भारत में महिला शिक्षा दर 64.6 प्रतिशत है, जबकि पुरुषों की शिक्षा दर 80.9 प्रतिशत है। काफी सारी ग्रामीण लड़कियाँ जो स्कूल जाती भी हैं, उनकी पढ़ाई भी बीच में ही छूट जाती है और वह दसवीं कक्षा भी नही पास कर पाती हैं। (x) हालांकि पिछलें कुछ दशकों सरकार द्वारा लिए गए प्रभावी फैसलों द्वारा भारत में बाल विवाह जैसी कुरीति को काफी हद तक कम कर दिया गया है लेकिन 2018 में यूनिसेफ के एक रिपोर्ट द्वारा पता चलता है, कि भारत में अब भी हर वर्ष लगभग 15 लाख लड़कियों की शादी 18 वर्ष से पहले ही कर दी जाती है, जल्द शादी हो जाने के कारण महिलाओं का विकास रुक जाता है और वह शारीरिक तथा मानसिक रुप से व्यस्क नही हो पाती हैं। (xi) भारतीय महिलाओं के विरुद्ध कई सारे घरेलू हिंसाओं के साथ दहेज, हॉनर किलिंग और तस्करी जैसे गंभीर अपराध देखने को मिलते हैं। हालांकि यह काफी अजीब है कि शहरी क्षेत्रों की महिलाएँ ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के अपेक्षा अपराधिक हमलों की अधिक शिकार होती हैं। (xii) कामकाजी महिलाएँ भी देर रात में अपनी सुरक्षा को देखते हुए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग नही करती है। सही मायनों में महिला सशक्तिकरण की प्राप्ति तभी की जा सकती है जब महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके और पुरुषों के तरह वह भी बिना भय के स्वच्छंद रुप से कही भी आ जा सकें। (xiii) कन्या भ्रूणहत्या या फिर लिंग के आधार पर गर्भपात, भारत में महिला सशक्तिकरण के रास्ते में आने वाली सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है। कन्या भ्रूणहत्या का अर्थ लिंग के आधार पर होने वाली भ्रूण हत्या से है, जिसके अंतर्गत कन्या भ्रूण का पता चलने पर बिना माँ के सहमति के ही गर्भपात करा दिया जाता है। कन्या भ्रूण हत्या के कारण ही हरियाणा और जम्मू कश्मीर जैसे प्रदेशों में स्त्री और पुरुष लिंगानुपात में काफी ज्यादे अंतर आ गया है। हमारे महिला सशक्तिकरण के यह दावे तब तक नही पूरे होंगे, जब तक हम कन्या भ्रूण हत्या की समस्या को मिटा नहीं पाएँगे।

भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार की भूमिका – Role of the government in implementation of women empowerment in India भारत सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए कई सारी योजनाएँ चलाई जाती हैं। इनमें से कई सारी योजनाएँ रोजगार, कृषि और स्वास्थ्य जैसी चीजों से सम्बंधित होती हैं। इन योजनाओं का गठन भारतीय महिलाओं के परिस्थिति को देखते हुए किया गया है ताकि समाज में उनकी भागीदारी को बढ़ाया जा सके। इनमें से कुछ मुख्य योजनाएँ मनरेगा, सर्व शिक्षा अभियान, जननी सुरक्षा योजना (मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए चलायी जाने वाली योजना) आदि हैं। महिला एंव बाल विकास कल्याण मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा भारतीय महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए निम्नलिखित योजनाएँ इस आशा के साथ चलाई जा रही है कि एक दिन भारतीय समाज में महिलाओं को पुरुषों की ही तरह प्रत्येक अवसर का लाभ प्राप्त होगा-

1) बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना –

यह योजना कन्या भ्रूण हत्या और कन्या शिक्षा को ध्यान में रखकर बनायी गयी है। इसके अंतर्गत लड़कियों के बेहतरी के लिए योजना बनाकर और उन्हें आर्थिक सहायता देकर उनके परिवार में फैली भ्रांति लड़की एक बोझ है की सोच को बदलने का प्रयास किया जा रहा है।

2) महिला हेल्पलाइन योजना –

इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को 24 घंटे इमरजेंसी सहायता सेवा प्रदान की जाती है, महिलाएँ अपने विरुद्ध होने वाली किसी तरह की भी हिंसा या अपराध की शिकायत इस योजना के तहत निर्धारित नंबर पर कर सकती हैं। इस योजना के तरत पूरे देश भर में 181 नंबर को डायल करके महिलाएँ अपनी शिकायतें दर्ज करा सकती हैं।

3) उज्जवला योजना –

यह योजना महिलाओं को तस्करी और यौन शोषण से बचाने के लिए शुरू की गई है। इसके साथ ही इसके अंतर्गत उनके पुनर्वास और कल्याण के लिए भी कार्य किया जाता है।

4) सपोर्ट टू ट्रेनिंग एंड एम्प्लॉयमेंट प्रोग्राम फॉर वूमेन (स्टेप) –

स्टेप योजना के अंतर्गत महिलाओं के कौशल को निखारने का कार्य किया जाता है ताकि उन्हें भी रोजगार मिल सके या फिर वह स्वंय का रोजगार शुरु कर सके। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कई सारे क्षेत्रों के कार्य जैसे कि कृषि, बागवानी, हथकरघा, सिलाई और मछली पालन आदि के विषयों में महिलाओं को शिक्षित किया जाता है।

5) महिला शक्ति केंद्र –

यह योजना समुदायिक भागीदारी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत छात्रों और पेशेवर व्यक्तियों जैसे सामुदायिक स्वयंसेवक ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकारों और कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करते है।

6) पंचायाती राज योजनाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण –

2009 में भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पंचायती राज संस्थानों में 50 फीसदी महिला आरक्षण की घोषणा की, सरकार के इस कार्य के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सामाजिक स्तर को सुधारने का प्रयास किया गया। जिसके द्वारा बिहार, झारखंड, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के साथ ही दूसरे अन्य प्रदेशों में भी भारी मात्रा में महिलाएँ ग्राम पंचायत अध्यक्ष चुनी गई।

संसद द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए पास किए कुछ अधिनियम (Laws made by the Parliament favouring women empowerment) कानूनी अधिकार के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए संसद द्वारा भी कुछ अधिनियम पास किए गए हैं। वे अधिनियम निम्नलिखित हैं – (i) अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम 1956 (ii) दहेज रोक अधिनियम 1961 (iii) एक बराबर पारिश्रमिक एक्ट 1976 (iv) मेडिकल टर्म्नेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1987 (v) लिंग परीक्षण तकनीक एक्ट 1994 (vi) बाल विवाह रोकथाम एक्ट 2006 (vii) कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन शोषण एक्ट 2013

महिलाओं की राष्ट्र निर्माण में भूमिका – (Role of women in the nation’s progress) बदलते समय के साथ आधुनिक युग की नारी पढ़-लिख कर स्वतंत्र है। वह अपने अधिकारों के प्रति सजग है तथा स्वयं अपना निर्णय लेती हैं। अब वह चारदीवारी से बाहर निकलकर देश के लिए विशेष महत्वपूर्ण कार्य करती है। महिलाएँ हमारे देश की आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं। इसी वजह से राष्ट्र के विकास के महान काम में महिलाओं की भूमिका और योगदान को पूरी तरह और सही परिप्रेक्ष्य में रखकर ही राष्ट्र निर्माण के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

भारत में भी ऐसी महिलाओं की कमी नहीं है, जिन्होंने समाज में बदलाव और महिला सम्मान के लिए अपने अन्दर के डर को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। ऐसी ही एक मिसाल बनी सहारनपुर की अतिया साबरी। अतिया पहली ऐसी मुस्लिम महिला हैं, जिन्होंने तीन तलाक के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया।

तेजाब पीड़ितों के खिलाफ इंसाफ की लड़ाई लड़ने वाली वर्षा जवलगेकर के भी कदम रोकने की नाकाम कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने इंसाफ की लड़ाई लड़ना नहीं छोड़ा। हमारे देश में ऐसे कई उदहारण है जो महिला सशक्तिकरण का पर्याय बन रही है।

आज देश में नारी शक्ति को सभी दृष्टि से सशक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है। आज देश की महिलाएँ जागरूक हो चुकी हैं। आज की महिला ने उस सोच को बदल दिया है कि वह घर और परिवार की ही जिम्मदारी को बेहतर निभा सकती है।

आज की महिला पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर बड़े से बड़े कार्य क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहीं हैं। फिर चाहे काम मजदूरी का हो या अंतरिक्ष में जाने का। महिलाएँ अपनी योग्यता हर क्षेत्र में साबित कर रही हैं।

महिला सशक्तिकरण के लाभ – Advantages of women empowerment महिला सशक्तिकरण के बिना देश व समाज में नारी को वह स्थान नहीं मिल सकता, जिसकी वह हमेशा से हकदार रही है। महिला सशक्तिकरण के बिना वह सदियों पुरानी परम्पराओं और दुष्टताओं से लोहा नहीं ले सकती। बन्धनों से मुक्त होकर अपने निर्णय खुद नहीं ले सकती। स्त्री सशक्तिकरण के अभाव में वह इस योग्य नहीं बन सकती कि स्वयं अपनी निजी स्वतंत्रता और अपने फैसलों पर आधिकार पा सके। महिला सशक्तिकरण के कारण महिलाओं की जिंदगी में बहुत से बदलाव हुए। (i) महिलाओं ने हर कार्य में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना शुरू किया है। (ii) महिलाएँ अपनी जिंदगी से जुड़े फैसले खुद कर रही हैं। (iii) महिलाएँ अपने हक के लिए लड़ने लगी हैं और धीरे धीरे आत्मनिर्भर बनती जा रही हैं। (iv) पुरुष भी अब महिलाओं को समझने लगे हैं, उनके हक भी उन्हें दे रहें हैं। (v) पुरुष अब महिलाओं के फैसलों की इज्जत करने लगे हैं। कहा भी जाता है कि – हक माँगने से नही मिलता छीनना पड़ता है और औरतों ने अपने हक अपनी काबिलियत से और एक जुट होकर मर्दों से हासिल कर लिए हैं।

महिला अधिकारों और समानता का अवसर पाने में महिला सशक्तिकरण ही अहम भूमिका निभा सकती है। क्योंकि स्त्री सशक्तिकरण महिलाओं को सिर्फ गुजारे-भत्ते के लिए ही तैयार नहीं करती, बल्कि उन्हें अपने अंदर नारी चेतना को जगाने और सामाजिक अत्याचारों से मुक्ति पाने का माहौल भी तैयारी करती है।

उपसंहार (conclusion)

जिस तरह से भारत आज दुनिया के सबसे तेज आर्थिक तरक्की प्राप्त करने वाले देशों में शुमार हुआ है, उसे देखते हुए निकट भविष्य में भारत को महिला सशक्तिकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। भारतीय समाज में सच में महिला सशक्तिकरण लाने के लिए महिलाओं के विरुद्ध बुरी प्रथाओं के मुख्य कारणों को समझना और उन्हें हटाना होगा जो समाज की पितृसत्तामक और पुरुष युक्त व्यवस्था है। यह बहुत आवश्यक है कि हम महिलाओं के विरुद्ध अपनी पुरानी सोच को बदलें और संवैधानिक तथा कानूनी प्रावधानों में भी बदलाव लाए।

भले ही आज के समाज में कई भारतीय महिलाएँ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्टर, वकील आदि बन चुकी हो, लेकिन फिर भी काफी सारी महिलाओं को आज भी सहयोग और सहायता की आवश्यकता है। उन्हें शिक्षा, और आजादीपूर्वक कार्य करने, सुरक्षित यात्रा, सुरक्षित कार्य और सामाजिक आजादी में अभी भी और सहयोग की आवश्यकता है। महिला सशक्तिकरण का यह कार्य काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत की सामाजिक-आर्थिक प्रगति उसके महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक प्रगति पर ही निर्भर करती है।

महिला सशक्तिकरण महिलाओं को वह मजबूती प्रदान करता है, जो उन्हें उनके हक के लिए लड़ने में मदद करता है। हम सभी को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए, उन्हें आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए। इक्कीसवीं सदी नारी जीवन में सुखद सम्भावनाओं की सदी है। महिलाएँ अब हर क्षेत्र में आगे आने लगी हैं। आज की नारी अब जाग्रत और सक्रीय हो चुकी है। किसी ने बहुत अच्छी बात कही है “नारी जब अपने ऊपर थोपी हुई बेड़ियों एवं कड़ियों को तोड़ने लगेगी, तो विश्व की कोई शक्ति उसे नहीं रोक पाएगी । ” वर्तमान में नारी ने रुढ़िवादी बेड़ियों को तोड़ना शुरू कर दिया है। यह एक सुखद संकेत है। लोगों की सोच बदल रही है, फिर भी इस दिशा में और भी प्रयास करने की आवश्यकता है। Top

महिला अधिकारिता पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इन सवालों के जवाब देने से आपको महिला सशक्तिकरण पर अपने निबंध में शामिल करने के लिए महत्वपूर्ण बिंदु मिलेंगे।

प्रश्न 1- महिला सशक्तिकरण वास्तव में क्या है? A- महिला सशक्तिकरण महिलाओं को अपने निर्णय लेने और अपने स्वयं के जीवन का निर्माण करने का अधिकार और संसाधन देने की प्रक्रिया है, साथ ही लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और महिलाओं की संभावनाओं और स्वायत्तता को सीमित करने वाली बाधाओं को दूर करने की प्रक्रिया है।

प्रश्न 2- महिला सशक्तिकरण का क्या महत्व है? बी- दीर्घकालीन विकास हासिल करने और बुनियादी अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए महिला सशक्तिकरण महत्वपूर्ण है। जो महिलाएं सशक्त हैं, वे समाज में भाग लेने, अर्थव्यवस्था में योगदान देने और अपने समुदायों की भलाई में सुधार करने में अधिक सक्षम हैं।

प्रश्न 3- महिलाओं को अधिक शक्ति कैसे दी जा सकती है? शिक्षा, आर्थिक अवसर, स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच और कानूनी सहारा, सरकार में प्रतिनिधित्व, और बदलते सामाजिक और सांस्कृतिक विचार सभी महिलाओं को सशक्त बनाने में सहायता कर सकते हैं।

प्रश्न 4- महिला सशक्तिकरण के क्या लाभ हैं? A- महिला सशक्तीकरण के कई फायदे हैं, जिनमें अधिक आर्थिक अवसर और वित्तीय स्वतंत्रता, बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण, अधिक राजनीतिक प्रतिनिधित्व और निर्णय लेने की शक्ति, और मजबूत समुदाय और समाज शामिल हैं।

प्रश्न 5- महिला सशक्तिकरण के लिए क्या चुनौतियाँ हैं? सांस्कृतिक और सामाजिक विचार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, आर्थिक असमानता, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक सीमित पहुंच, और अपर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व सभी महिला सशक्तिकरण के लिए बाधाएं हैं।

प्रश्न 6- महिला सशक्तिकरण में शिक्षा की क्या भूमिका है? A – शिक्षा महिला सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि यह महिलाओं को ज्ञान और कौशल से लैस करती है जिसकी उन्हें समाज और कार्यस्थल में भाग लेने के साथ-साथ सूचित जीवन निर्णय लेने की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 7- आर्थिक सशक्तिकरण का महिलाओं पर क्या प्रभाव पड़ता है? A- महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण से बहुत लाभ होता है क्योंकि यह उन्हें आर्थिक रूप से अधिक सुरक्षित बनने और अपने स्वयं के जीवन पर अधिक नियंत्रण रखने के लिए सशक्त बनाता है। यह महिलाओं की संभावनाओं और स्वायत्तता को सीमित करने वाली बाधाओं को दूर करने में भी योगदान देता है।

प्रश्न 8- महिलाओं के खिलाफ हिंसा को कैसे संबोधित किया जा सकता है? A- कानूनी सुरक्षा और न्याय तक पहुंच, शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने की पहल, और बदलती सामाजिक और सांस्कृतिक मानसिकता जो हिंसा को बढ़ावा देती है, सभी महिलाओं के खिलाफ हिंसा के खिलाफ लड़ाई का समर्थन कर सकती हैं।

प्रश्न 9- महिला सशक्तिकरण में सरकारें क्या भूमिका निभाती हैं? A- सरकारें लैंगिक समानता, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा तक पहुंच और महिलाओं के लिए सामाजिक आर्थिक अवसरों को प्रोत्साहित करने के लिए कानून और कार्यक्रम बनाकर महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

प्रश्न 10- समुदाय महिलाओं को सशक्त बनाने में कैसे मदद कर सकते हैं? A- समुदाय लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करके, शैक्षिक अवसरों और संसाधनों को बढ़ावा देकर, और महिलाओं की स्वायत्तता और क्षमता में बाधा डालने वाले सांस्कृतिक और सामाजिक व्यवहारों से निपटकर महिलाओं का समर्थन और सशक्तिकरण कर सकते हैं। Top Recommended Read –

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I AM A GIRL

I AM A GIRL

Essay by: sultana hamza

Reads: 29747  | Likes: 96  | Shelves: 0  | Comments: 9

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I AM A GIRL!!!!!

I may not be the girl that everyone wants, but at least I am not the girl that everyone’s had.

When I was a kid, I always Thank GOD that He created me a girl. Just because Why??? Because at that time I love to wear dupatta, loved to apply mehndi, love to wear bangles, love to use makeup kit. But as time passes and I grow bigger, I realize that I was somehow wrong. It’s not easy to be a girl. A girl has to sacrifice a lot for her family and for others. A girl is a daughter of the parents, a sister of a brother, a wife of a husband; a mother for the children’s and has a lot of responsibilities of her to do in this world. But no one give much importance to the girl and appreciate the boy doesn’t matter if he is right or wrong. If a girl do a mistake everyone started to blame the girl but if a boy do a mistake no one even bother to say anything. I hate the sentence that elders say “beta tum yeh nahi karsakti. WO larka hai or tum larki ho” .So what if he is a boy so what??A girl can be a boy as well; she can also be a man for her family. There are some families as well where girls are like boys for their father. A boy can leave his family for the sake of money and wife but a girl didn’t leave her family after the marriage as well. But no one sees this thing and gives dominant status to the boy. I agree that boys have dominant status but the fact is that the boys are irresponsible, cruel, and rude as well. Everyone criticize girls in every matter or aspect of life. From the beginning as you know, the Arab people killed the girl when she was born. Because they thought the birth of a baby girl was bad for them but thank GOD, has the time passed this tradition of killing girls become stop. I have listened from others that born of a girl in a family are good for them and create peace, harmony in the family.  The person is very lucky to have girls in the family. The girl has to be a woman one day. There are also some women who had done great work for example: Fatima Jinnah, Abida parveen, Bushra Ansari and Arfa karim.  This proves that girl can do everything. These all things bring confidence and I will definitely say that I proud to be a girl. My father wants me to be a Doctor and I will become a Doctor....InshALLAH. I will achieve big in the future ahead and want every girl to give importance to them. Never ever underestimate yourself because never say never everything is possible to do or achieve. Just trust yourself and have faith in GOD. 

Written by: Sultana Amir Hamza

Submitted: August 26, 2013

© Copyright 2024 sultana hamza . All rights reserved.

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Sultry Alice

You make some fine points about being a woman. In my country a woman does not have to struggle to be accepted by society as it is in some other parts of the world. Your english is pretty good for a second language and will only get better the more you use it and read in english. Your writing could benefit greatly from paragraphs. They help people want to read your work. Alice

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Author Reply

thankyou for your comment :).i have recently joined this site and em just 14 yrs old thatswhy my english vocab is not much good but i am trying my best.thankyou for your ideas and the information you give me.please stay tuned to me.

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Jennifer Brighton

This is a very thought-provoking piece. It was very insightful to see "being a girl" through your eyes. And, I think you make some very good points about societal stigmas and double-standards. Very good work.

thankyou very much for your comment....i had written this beacuse this is the fact that which we can never regret and all the girls are facing this problem and i am sure every girl also think in this way but they never share it to anyone....

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malakmanel15

This piece has got my eye and I really liked the fact that you are fighting for the women rights you are very young but you have a big and beautiful mind all what you need is to acquire english language fluently.I agree with you in the part where you said that arabs used to kill girls because they thoughtthat having a

thank you for your advice,i will try to make my english language fluently good.... once again thanks

(sorry for not finishing my comment)......that having a baby girl brings them bad luck but now this tradition has completely gone thanks to islam.very good job don't stop writing and will be a successful girl

its ok...i appreciate whatever you have shared and write

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Elena Benward

Great piece! Girls are strong whilst being kind. They can take all that life throws at them and at the same time look after others. Never forget that you are strong, beautiful, intelligent and the world would be a poorer place without you in it. Always remember that you are worth your weight in gold! :-)

very true....thankyou for your comment

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Thanks for providing insight into how girls are portrayed in other countries. It breaks my heart. Loved your message. Have confidence in yourself. You can do anything, yes!! Wonderful job.

Thank you for your comment...i appreciate your thoughts

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What a good essay! Today, even though Pakistan is developing, we see that girls are not given as many rights as boys. We've seen that boys are pressured to study hard whereas for girls it's "Beta, achi tarah roti banao. Susral wale kya kahain ge?" (

Oh! My comment got cut! I'll continue...people think it's weird to see a girl walking alone but trust me, it's the only way to change this taboo. Be strong and be proud of whoever you are. Allah made you a girl, the more respectable gender. Be proud of it :)

thank you for your comment..i agree with you and also respect your ideas..you also think what i think...good to see this..:)

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bobthebuilder

Powerful piece! I love the opening lines! Follow your dreams, and be the best person you can be. People like you will change the world for the better!

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10+ मेरा परिचय निबंध – Myself Essay in Hindi

Myself Essay in Hindi : आज हम मेरा परिचय पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 और 10 के विद्यार्थियों के लिए है. अक्सर विद्यार्थियों को परीक्षाओं में स्वयं पर निबंध या परिचय देने के लिए निबंध लिखने को कहा जाता है.

स्वयं पर निबंध लिखने में कठिनाई होती है और कई बार विद्यार्थी अपना परिचय देने में हिचकते है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए यह निबंध अलग-अलग शब्द सीमा में लिखा है.

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Best Myself Essay in Hindi 100 Words

मेरा नाम प्रवीण कुमार है मैं गाजियाबाद शहर का रहने वाला हूं. मैं कक्षा 5 में पढ़ता हूं मेरे स्कूल का नाम गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल है.

मेरे पिताजी का नाम श्री विलास राय है और माता जी का नाम रुकमणी देवी है हमारे घर में कुल 6 सदस्य है. मेरी दिनचर्या काफी सरल है.

यह भी पढ़ें –  विद्यार्थी जीवन पर निबंध – Essay on Student Life in Hindi

मैं सुबह 5:00 बजे उठकर कॉलोनी के पार्क में पिताजी के साथ घूमने चला जाता हूं. उसके बाद में स्कूल जाता हूं वहां पर मैं मन लगाकर पढ़ाई करता हूं सभी सहपाठी और शिक्षक गण मुझे बहुत पसंद करते है. मैं हर बार कक्षा में अव्वल आता हूं.

मुझे बैडमिंटन और क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है और स्कूल में होने वाली सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेता हूं. मैं हमेशा सत्य बोलता हूं और सदैव दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करता हूं.

Mera Parichay Essay in Hindi 250 words

मेरा नाम प्रिया जांगिड़ है मैं राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में रहती हूं जिसको गुलाबी नगरी भी कहा जाता है. मेरे पिताजी का नाम श्री शिवकुमार है और माता जी का नाम मीना देवी है. हमारे घर में कुल 4 सदस्य हैं जिसमें मैं मेरे पिताजी माताजी और मेरा एक छोटा भाई है.

मेरा घर आर्य कॉलोनी में स्थित है यहां पर रहने वाले सभी लोग बहुत ही अच्छे है. मैं कक्षा चार की छात्रा हूं मेरे स्कूल का नाम विवेकानंद पब्लिक स्कूल है. मैं सुबह सूर्य उदय से पहले उठ जाती हूं सभी जरूरी कार्य करने के पश्चात में मां के साथ मंदिर जाती हूं.

इसके बाद में स्कूल में पढ़ाई गए पाठ को फिर से पढ़ती हूं. मैं प्रतिदिन स्कूल में जाती हूं वहां की सभी अध्यापक – अध्यापिकाए बहुत अच्छे है, वे प्रतिदिन हमें नई शिक्षा देते है और कई बार तो रोचक और ज्ञानवर्धक कहानियां भी सुनाते है.

मेरे सहपाठी भी बहुत अच्छे है. हर बार में कक्षा में अव्वल आती हूं. मुझे चित्रकारी करना, गाना गाना, खाना बनाना, नृत्य करना बहुत पसंद है. मैं बहुत ज्यादा जिज्ञासु हूं इसलिए मुझे नई-नई चीजें सीखना बहुत पसंद है.

मैं हमेशा सच बोलती हूं और अपने सभी कार्य समय पर करती हूं. स्कूल से आने के बाद में खाना खाती हूं. कुछ समय बाद ट्यूशन टीचर आकर मुझे पढ़ाते है. इसके बाद स्कूल में दिया गया होमवर्क करती हूं.

शाम को कॉलोनी के बगीचे में मैं और मेरे दोस्त सभी मिलकर खेलते है. इसके बाद में जल्दी भोजन कर के सो जाती हूं क्योंकि जल्दी सोना और जल्दी उठना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है.

Myself Essay in Hindi 600 Words

मेरा नाम रवि कुमार है मेरे पिताजी का नाम रमेश अग्रवाल है और माता का नाम श्रीमती दुर्गा देवी है मैं कक्षा 8 का विद्यार्थी हूं और मेरे स्कूल का नाम विद्यासागर सीनियर सेकेंडरी स्कूल है.

हम दिल्ली शहर में रहते है लेकिन हमारा फैसला गांव उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में स्थित है. हमारे घर में कुल 7 सदस्य है. मैं मेरे माता-पिता, दादा-दादी और दो छोटे भाई बहन है. मेरे दादा-दादी हमारे साथ नहीं रहते हुए हमारे पैतृक गांव में ही रहते है.

मैं प्रातः सूर्योदय से पहले करीब 5:00 बजे उठ जाता हूं फिर मैं अपने नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर कॉलोनी के पास बनी पार्क में घूमने के लिए चला जाता हूं. वहां पर अन्य लोग भी कई प्रकार की क्रियाएं करते रहते हैं जैसे कुछ लोग योगा और एक्सरसाइज तो कुछ युवा लोग आर्मी की तैयारी के लिए तेज दौड़ लगाते है.

पार्क में कुछ बुजुर्ग लोग भी आते है जिनको मैं रोज प्रणाम करता हूं और वे भी मुझे बहुत ही स्नेह प्रदान करते है उनसे बहुत कुछ अच्छी बातें सीखने को मिलती है.

इसके पश्चात मन कर चला जाता हूं और नहाकर स्कूल जाने के लिए तैयार हो जाता हूं मेरी माता जी मेरे लिए सुबह का नाश्ता तैयार कर देती है पिताजी और मैं साथ में नाश्ता करते हैं क्योंकि पिताजी को भी कार्यालय में जाना होता है.

कुछ समय बाद स्कूल बस मुझे लेने आती है और मैं उसने बैठकर चला जाता हूं. विद्यालय पहुंचने पर में सबसे पहले ही पहले के मंदिर जाकर मां सरस्वती को प्रणाम करता हूं फिर स्कूल की प्रार्थना होती है. मेरी कक्षा की सभी विद्यार्थी बहुत ही होनहार और अच्छे है.

सभी शिक्षक गण मुझे जानते है क्योंकि मैं हर बार कक्षा में प्रथम श्रेणी से पास होता हूं और मैं वार्षिक उत्सव, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, वाद-विवाद प्रतियोगिता, खेलकूद इत्यादि सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेता हूं. कुछ दिनों पहले हुई निबंध प्रतियोगिता में मुझे प्रथम स्थान मिला था.

विद्यालय के सभी शिक्षक गण बहुत अच्छे है वह हमें अच्छी शिक्षा देते है और कभी कभी पढ़ाई का टेंशन कम करने के लिए हमें ज्ञानवर्धक कहानियां सुनाते है और कभी खेलने के लिए भी ले जाते है.

विद्यालय से 1:00 बजे हमारी छुट्टी हो जाती है. घर आकर में मुंह हाथ धोकर खाना खाता हूं इसके बाद थोड़ी देर में टीवी देखता हूं. शाम 4:00 बजे में फिर से पढ़ाई करने के लिए बैठ जाता हूं इस समय मैं स्कूल मैं दिया गया हूं होमवर्क करता हूं.

करीब 5:00 बजे के लगभग मैं और मेरी दोस्त पास ही के मैदान में खेलने के लिए चले जाते है और खूब मस्ती करते है.

मुझे क्रिकेट, फुटबॉल और बैडमिंटन खेलना, संगीत सुनना बहुत पसंद है साथ ही मुझे लिखने का भी बहुत शौक है मैं छोटी कविताएं और चुटकुले लिखता हूं. मुझे डांस करना भी बहुत पसंद है इसलिए जब भी स्कूल की छुट्टियां पड़ती है तो मैं डांस सीखने के लिए भी जाता हूं.

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11 thoughts on “10+ मेरा परिचय निबंध – Myself Essay in Hindi”

Kffivdt bi ni kr rhi hu to write a popular dandia urd ki baat nhi hai na to write it to write it down for the secret thank god bless👼🙏❤ u still have done💯 it not a fan of our relationship💏

It’s nice but there are something that are not so much important . It can be better .

Thank for suggestion

I want my self in Hindi

The secret of success is hard work

Nice thought

No its not nice its very nice

Thank you AASTHA

This is too small I want little big of 5 pages please suggest 1 in hindi 5 pages

Dear Sairaj, We will try to write big essay soon thanks.

You can add more with your thoughts I guess 💭🤔

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बालिका शिक्षा पर निबंध (लड़की शिक्षा) Girl Education Essay in Hindi

इस लेख में पढ़ें बालिका शिक्षा पर निबंध (लड़की शिक्षा) Girl Education Essay in Hindi हिन्दी में। इसमें आप बालिकाओं की शिक्षा का महत्व, और उनका शिक्षा का अधिकार के विषय में पूरा पढ़ें।

Table of Content

बालिका शिक्षा पर निबंध Girl Education Essay in Hindi

आजकल लड़कियों की शिक्षा महत्वपूर्ण और अनिवार्य है क्योंकि लडकियां देश का भविष्य है। भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए बालिकाओं की शिक्षा आवश्यक है। आज ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां लड़कियां लड़कों से कई आगे निकलकर सफल हुई हैं।

लड़कियों की शिक्षा पर निबंध (महिला शिक्षा) GIRL EDUCATION ESSAY IN HINDI

शिक्षित बालिकाओं ने चिकित्सा, रक्षा सेवाओं, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे पेशेवर क्षेत्रों में योगदान देकर भारतीय समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। आज की लड़कियों ने अच्छी तरह से व्यवसाय के क्षेत्र में भी योगदान दिया है और अपने घर और कार्यालय दोनों को बहुत अच्छी तरह से संभाला हैं।

बालिकाओं की शिक्षा के विषय में गलत धारणा Wrong Mentality About Girls Education

कुछ लोग हैं जो बालिका शिक्षा का विरोध करते हैं, उनका मानना ​​है कि लड़कियों को पढ़ाना पैसा और धन की बर्बादी है। यह विचार गलत है क्योंकि लड़कियों की शिक्षा समाज को बदल सकती है। लोगों को समझना होगा की लड़का-लड़की एक समान हैं।

चीजें इतनी हद तक खराब हो चुकी हैं कि कुछ लडकियां मां के गर्भ में जन्म से पहले मारी जाने लगी है।आज के आधुनिक युग में भी लोग लड़कों की चाह में कन्या भ्रूण हत्या जैसे पाप करते हैं।

ज्यादातर अशिक्षित लोगों की सोच है की लड़कियों की शिक्षा से कम उसके विवाह में खर्च होता है इसलिए विवाह करवा देना ही सही है। ज्यादातर लड़कियों को इस कारण अपना सपना छुड़ा कर जल्द विवाह करवा दिया जाता है।

लोग यह महसूस करने में नाकाम रहे कि एक लड़की को शिक्षित करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि लड़के को शिक्षित करना। जब भी एक लड़की को अपनी क्षमता साबित करने का मौका मिला है तो उसने हमेशा खुद को साबित किया है।

यह लिंग के आधार पर भेदभाव को रोकने में भी मदद करता है। लड़कियों को अपने अधिकारों का चयन करने का पहला कदम शिक्षा है।

शिक्षा लड़कियों को उनके काम में अधिक समझदारी देने में मदद करती है। एक शिक्षित लड़की के पास कौशल, प्रतिभा और आत्मविश्वास है, जो उसे एक बेहतर मां, कर्मचारी और एक अच्छा देश का निवासी बनाता है।

महिलाएं हमारी आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं, लड़के और लड़की सिक्के के दो पहलुओं की तरह हैं और उन्हें देश के विकास में योगदान देने के समान अवसरों की आवश्यकता है। दोनों एक दूसरे के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं|

शिक्षित और अशिक्षित लडकियों में अंतर Differences Between Educated and Uneducated Girls

अगर हम दोनों में अंतर देखते हैं, तो हम पाएंगे कि एक शिक्षित लड़की न केवल अपने माता-पिता की सेवा करती है बल्कि अपने देश की भी सेवा भी कर सकती है।

वह एक शिक्षक, नर्स, डॉक्टर, प्रशासक, सैनिक, पुलिस कर्मचारी, संवाददाता, एथलीट आदि के रूप में अपने देश की सफलता और उन्नति में योगदान कर सकती है। वहीं अशिक्षित महिला, एक शिक्षित लड़की की तरह हर क्षेत्र में कार्यरत नहीं हो सकती है।

अगर लड़कियों को भी लड़कों की तरह सभी सुविधाएं और प्रेरणा दिया जाए तो वह हर एक सफलता की ऊंचाई को छु सकती हैं जो एक लड़का कर सकता है।

लड़कियों की शिक्षा का महत्व Importance of Girl Education

एक बालिका चाहे तो वह हमारे देश की लेखक, शिक्षक, वकील, डॉक्टर और वैज्ञानिक के रूप में सेवा दे सकती है। इसके अलावा, वह अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।

शिक्षित महिलाएं अपने भविष्य को नया रूप देने में सक्षम होती हैं। वह काम और आर्थिक रूप से मजबूत होने के कारण गरीबी को कम करने में सक्षम होती हैं। उनके शिक्षित होने के कारण बाल मृत्यु दर का जोखिम भी कम है। शिक्षित लड़कियां अन्य लड़कियों की तुलना में 50% तक अधिक अपने बच्चों की सुरक्षा और देखभाल करने में अधिक सक्षम होती हैं।

शिक्षित महिलाएं पारिवारिक आय में योगदान करने के लिए बेहतर साबित हुई हैं। वह  दिमाग से स्वस्थ होती हैं और उनके पास बहुत आत्म सम्मान और आत्मविश्वास है। साथ ही वह अपने समुदाय को योगदान और समृद्ध करने में मदद करती हैं। शिक्षित महिलाएं दूसरों में शिक्षा को बढ़ावा देने की क्षमता रखती हैं।

लड़कियों के बिना हम समाज की कल्पना तक नहीं कर सकते क्योंकि वे आने वाली पीढ़ी की जन्मदाता हैं। अगर विश्व की बलिकाएं अच्छी तरह से शिक्षित होंगी तो ही वे नई पीढ़ी को अच्छी शिक्षा दे पाएंगी जिससे हमारा समाज और देश प्रगति की ओर अग्रसर हो पाएगा।

निष्कर्ष Conclusion

लड़कियों की शिक्षा के आधार पर भारत अब एक प्रमुख देश बन चुका है। हमारा भारतीय इतिहास प्रतिभाशाली लड़कियों से भरा हुआ है। इन प्रसिद्ध लड़कियों में मीरा बाई , दुर्गावती, अहल्याबिया और लक्ष्मी बाई शामिल हैं। आज के समय में, भारत की सभी महान और ऐतिहासिक महिलाएं प्रेरणा का स्रोत हैं। हम समाज और देश में उनके योगदानों को कभी अनदेखा नहीं किया जा सकता  हैं।

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Women Education Essay in Hindi - महिला शिक्षा पर निबंध हिंदी में - Girl Education Essay in Hindi

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रूपरेखा : प्रस्तावना - लड़कियों की वर्तमान स्थिति - लड़कियों की शिक्षा का महत्व - सरकार द्वारा उठाए गए कदम - उपसंहार ।

हमारा समाज पुरुष-शासित है। यहाँ माना जाता है कि पुरुष बाहर जाएँ तथा अपने परिवारों के लिए कमाएँ। महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे घर में रहें और परिवार की देखभाल करें। पहले इस व्यवस्था का समाज में सख्ती से पालन किया जाता था। आज भी थोड़ी-बहुत ऐसी मानसिकता देखी जा सकती है। जनसँख्या के मामले में भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्र है और भारत में लड़कियों की शिक्षा की दर बहुत कम है। इस कारण महिलाओं की शिक्षा को बहुत क्षति हुई । उन्हें अध्ययन के लिए बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। महिला की शिक्षा को अनुपयोगी समझा जाता था।

परंतु, अब समय बदल गया है। सामाजिक परिस्थितियाँ और आवश्यकताएँ बदल गई हैं। हमारा देश विकसित देश बनने की दौर में है। अब महिला-शिक्षा की अनदेखी नहीं की जा सकती। हमारी लगभग आधी आबादी महिलाओं की है। इसलिए लड़कों के साथसाथ उनकी शिक्षा समान रूप से महत्त्वपूर्ण हो जाती है। किसी महिला को शिक्षित करने के बहुत-से लाभ हैं। वह परिवार की देखभाल करती है। यदि वह शिक्षित है, तो वह घर पर वित्त की व्यवस्था कर सकती है, अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य का ध्यान रख सकती है। वह अपने बच्चों को पढ़ा सकती है। मुद्रा-स्फीति दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आजकल सिर्फ एक व्यक्ति की आय से ही घर को चलाना अत्यंत कठिन है। अतएव, वह इस ओर भी योगदान कर सकती है।

देश के भविष्य के लिए भारत में लड़कियों की शिक्षा आवश्यक है क्योंकि महिलायें अपने बच्चों की पहली शिक्षक हैं जो देश का भविष्य हैं। अशिक्षित महिलाएं परिवार के प्रबंधन में योगदान नहीं दे सकती और बच्चों की उचित देखभाल करने में नाकाम रहती हैं। इस प्रकार भविष्य की पीढ़ी कमजोर हो सकती है। लड़कियों की शिक्षा में कई फायदे हैं। एक सुशिक्षित और सुशोभित लड़की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। एक शिक्षित लड़की विभिन्न क्षेत्रों में पुरुषों के काम और बोझ को साझा कर सकती है। एक शिक्षित लड़की की अगर कम उम्र में शादी नहीं की गई तो वह लेखक, शिक्षक, वकील, डॉक्टर और वैज्ञानिक के रूप में देश की सेवा कर सकती हैं। इसके अलावा वह अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी बहुत अच्छी तरह से प्रदर्शन कर सकती है।

शिक्षित लड़कियाँ बच्चों में अच्छे गुण प्रदान करके परिवार के प्रत्येक मेंबर को उत्तरदायी बना सकती हैं। शिक्षित महिला सामाजिक कार्यकलापों में भाग ले सकती हैं और यह सामाजिक-आर्थिक रूप से स्वस्थ राष्ट्र के लिए एक बड़ा योगदान हो सकता है। एक आदमी को शिक्षित करके केवल राष्ट्र का कुछ हिस्सा शिक्षित किया जा सकता है जबकि एक महिला को शिक्षित करके पूरे देश को शिक्षित किया जा सकता है। लड़कियों की शिक्षा की कमी ने समाज के शक्तिशाली भाग को कमजोर कर दिया है। इसलिए महिलाओं को शिक्षा का पूर्ण अधिकार होना चाहिए और उन्हें पुरुषों से कमजोर नहीं मानना चाहिए।

आर्थिक संकट के इस युग में लड़कियों के लिए शिक्षा एक वरदान है। आज के समय में एक मध्यवर्गीय परिवार की जरूरतों को पूरा करना वास्तव में कठिन है। शादी के बाद अगर एक शिक्षित लड़की काम करती है तो वह अपने पति के साथ परिवार के खर्चों को पूरा करने में मदद कर सकती है। अगर किसी महिला के पति की मृत्यु हो जाती है तो वह काम करके पैसा कमा सकती है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, चाहे वह लड़का हो या लड़की सभी के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है। लेकिन हमारे समाज में अभी भी शिक्षा को लेकर लैंगिक भेदभाव किया जाता है जहां लड़कों की शिक्षा को तवज्जो दी जाती है वहीं लड़कियों को शिक्षा से वंचित कर दिया जाता है।

शिक्षा महिलाओं के सोच के दायरे को भी बढ़ाती है जिससे वह अपने बच्चों की परवरिश अच्छे से कर सकती है। इससे वह यह भी तय कर सकती है कि उसके और उसके परिवार के लिए क्या सबसे अच्छा है। शिक्षा एक लड़की को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में मदद करती है ताकि वह अपने अधिकारों और महिलाओं के सशक्तिकरण को पहचान सके जिससे उसे लिंग असमानता की समस्या से लड़ने में मदद मिले।

सरकार ने महिला-शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु बहुत-से उपाय किए हैं। बच्चों को निःशुल्क प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए । 'सर्वशिक्षा अभियान' आरंभ किया गया है। बहुत-से महिला विद्यालय खोले गए हैं। छात्राओं को विद्यालय-पोशाक और साइकिलें मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं। मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता दी जाती है। बहुत-से संगठन भी इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।

लड़कों की तरह लड़कियों को भी विभिन्न प्रकार की शिक्षा देना जरूरी है। उनकी शिक्षा इस तरह से होनी चाहिए कि वे अपने कर्तव्यों को उचित तरीके से पूरा करने में सक्षम हो सके। शिक्षा के द्वारा वे जीवन के सभी क्षेत्रों में पूरी तरह परिपक्व हो जाती हैं। एक शिक्षित महिला अपने कर्तव्यों और अधिकारों के बारे में अच्छी तरह जानती हैं। वह देश के विकास के लिए पुरुषों के समान अपना योगदान दे सकती हैं। अतः यह कहा जा सकता है कि महिला की शिक्षा को अब अनुपयोगी नहीं समझा जा सकता। यह माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि उनकी कन्याएँ भी अनिवार्य रूप से विद्यालय जाएँ। वे न सिर्फ उन्हें उनकी गृहस्थी चलाने में, बल्कि राष्ट्र को भी मजबूत बनाने में मदद करेंगी।

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Save girl child essay in hindi बेटी बचाओ पर निबंध.

We have written Save Girl Child Essay in Hindi language. बेटी बचाओ पर निबंध। Today we are going to explain how to write essay on save girl child essay in Hindi. Now you can take useful examples to write save girl child essay in Hindi is asked many classes starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12.

Save Girl Child Essay in Hindi

बेटी बचाओ पर निबंध

भारत में आजकल लड़कियों को बचाने के सन्दर्भ में “बेटी बचाओ” बहुत महत्वपूर्ण सामाजिक जागरुकता का विषय है। प्रभावशाली उपायों को अपनाकर इन्हें बहुत हद तक बचाया जा सकता है। भारत में गरीबी दर ज्यादा होने के कारण समाज में अशिक्षा और लिंग असमानता जैसी समस्याएं पैदा हो रही है। इन समस्याओ से मुक्ति पाने के साथ ही बालिकाओं और औरत की स्थिति में सुधार लाने की भी आवश्यक जरूरत है।

आंकड़ों के अनुसार उड़ीसा में महिला साक्षरता लगातार गिर रही है और हरियाणा में लिंगानुपात हर 1000 लड़कों पर 775 लड़कियों का था जो बेटीयों की दयनीय स्थिति को दर्शाता है। भारत सरकार द्वारा कई योजनाए जैसे कि “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” और “महिला सशक्तिकरण” शुरू कि गयी जिससे लिंगानुपात सामान्य हो और समाज की महिलाओं को उनका हक़ मिल सके। “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 22 जनवरी 2015, गुरुवार को हरियाणा के पानीपत में की। बॉलीवुड अभिनेत्री, परिणीति चौपड़ा “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना की ब्रांड एंबेसडर है।

भारतीय समाज में माता-पिता के द्वारा लड़के के जन्म की चाह रखने वालो के कारण महिलाओं की स्तिथि पिछड़ गयी है जिससे लिंग असमानता का जन्म हुआ। गरीबी और महिलाओं की अनपढ़ता ने दहेज प्रथा को जन्म दिया जिससे उनकी स्तिथि बद से बदतर हो गयी है। प्रभावशाली अभियानों के माध्यम से लोगों को जागरुक करके और महिला सशक्तिकरण से बालिकाओं के जीवन को बचाया जा सकता है।

सार्वजनिक स्थानों पर लड़कियों की रक्षा और सुरक्षा के प्रबंध होने चाहिए। लड़कियों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में समान पहुँच और अवसर देने चाहिये। शिक्षा सीधे रोजगार से जुड़ी हुई है, कम शिक्षा मतलब कम रोजगार जिससे गरीबी और लिंग असमानता बढ़ती है। भारत सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की जिसके तहत 6-14 साल के बच्चों (2001 में 205 मिलियन अनुमानित) की मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान को मौलिक अधिकार बनाया गया है। इस अभियान की शुरुआत अटल बिहारी बाजपेयी ने की जिसे भारतीय संविधान के 86वें संशोधन द्वारा निर्देशित किया गया है। शिक्षा से ही महिलाओं की स्थिति में सुधर आ सकता है और इन्हें वित्तीय रुप से आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।

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Essay on Girl Education for Students and Children

500+ words essay on girl education.

If we look at the demographics, India is one of the most populated countries. However, the rate of girl education is quite low in the country. It is quite troubling to see the figures in a country where women are given the status of goddesses. The figures have significantly improved to an extent but there’s still a long way to go.

Essay on Girl Education

Women were not allowed to even step out of their houses in ancient India , but times are changing. Along with changing times, people’s thinking is also changing. They wish to educate their girls and see them succeed in life. However, this is not the case in rural India which makes for more than 60% of the population. We need to identify the factors responsible for such low rates of girl education to find some solutions.

Factors Contributing to Low Rate of Girl Education

There are various factors that make it impossible for girls to get an education in our country. Firstly, the poverty rate is alarming. Even though education is being made free, it still involves a substantial cost to send girls to school. Therefore, families who are struggling to make ends meet fail to pay the educational expenses of their children.

Secondly, in rural areas, there aren’t many schools. This creates a distance problem as they are located far from the villages. In some areas, students have to walk for three to four hours to reach their school. This is where the safety of the girls gets compromised so parents don’t see it fit to send them off so far.

Furthermore, the regressive thinking of the people makes it tougher for girls to get an education. Some people still believe girls are meant to stay in their houses and look after the kitchen. They do not like women to do any other tasks expect for household ones.

Other than that, social issues like child marriage and child labor also stop the girl from getting an education. Parents pull daughters out of school to marry them off at an early age. Also, when girls indulge in child labor, they do not get time to study.

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Benefits of Girl Education

If we wish to see India progress and develop, we need to educate our girl child. They are indeed the future of our nation. Moreover, when they become educated, they will not have to be dependent on others for their livelihood.

One of the most important benefits of girl education is that the country’s future will be brighter and better. Similarly, our economy can grow faster if more and more women become financially strong thereby reducing poverty.

Furthermore, women who are educated can take proper care of their children. This will strengthen the future as lesser kids will die due to a lack of vaccination or a similar reason. Even for women, they will be less likely to become a patient of HIV/AIDS as they will be aware of the consequences.

Most importantly, educated women can result in a decrease in social issues like corruption, child marriage , domestic abuse and more. They will become more confident and handle their families better in all spheres. Thus we see how one educated woman can bring so much change in her life along with the others as well.

Some FAQs on Girl Education

Q.1 Why is girl education not encouraged in India?

A.1 India is still a developing country. It has too much poverty and regressive thinking. It is one of the main reasons why people don’t encourage girls to get an education.

Q.2 What are the advantages of educating girls?

A.2 When we educate girls, we educate a whole nation. As she teaches everyone around her. The education of girls will result in a better economy and a brighter future along with enhanced confidence of the girl.

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मेरा परिचय पर निबंध 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे (Myself Essay in Hindi) 10 Lines

i am a girl essay in hindi

myself essay in Hindi – अपना परिचय देना अपने आप में दिलचस्प होने के साथ-साथ सबसे मुश्किल काम भी हो सकता है। हम सभी अद्वितीय हैं और अपने गुणों को अधिक मज़बूती से खोजने के लिए अपने बारे में लिखना एक अनिवार्य पहलू है। अपने गुणों की खोज करने से हमें अपने बारे में जानने में बहुत मदद मिलती है। यह किसी के व्यक्तित्व के निर्माण का एक अनिवार्य तत्व है। हालांकि, उन्हें दुनिया के साथ साझा करना क्षमता की बात है।

myself essay in Hindi – मनुष्य निंदक के लिए प्रवृत्त होते हैं, और बहुत बार हम अपने नकारात्मक गुणों को एक उच्च नोट पर प्रतिबिंबित करके खुद को नीचे खींचते हैं। हमें वास्‍तव में जो करने की आवश्‍यकता है, वह यह है कि हमने जिन चीजों के बारे में योजना बनाई है और जिन चीजों की हम आशा कर रहे हैं, उन पर अधिक चिंतन करें। कोई अपनी मेधावी क्षमताओं का पता लगाने का विकल्प चुन सकता है, जो शौक विकसित करने से लेकर पॉलिश की गई प्रतिभाओं तक हो सकती है। यह बदले में आपके द्वारा अपने लिए निर्धारित किसी भी लक्ष्य के प्रति आपकी प्रेरणा को बढ़ावा देने के लिए भी काम करेगा।

अपने बारे में 10 वाक्य लिखो (myself essay 10 lines in Hindi)

मेरा परिचय हिंदी में 10 लाइनें नीचे दी गई है

  • 1) मेरा नाम अमन रानाडे है, और मेरी उम्र 8 साल है।
  • 2) मैं चौथी कक्षा में बीएवी पब्लिक स्कूल में पढ़ता हूं।
  • 3) मेरे पिता का नाम श्री रामू रानाडे और माता का नाम श्रीमती उमा रानाडे है।
  • 4) मेरी एक छोटी बहन है जो उसी स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ती है।
  • 5) मुझे कार्टून देखना पसंद है, और मेरा पसंदीदा कार्टून चरित्र डोरेमोन है।
  • 6) मुझे आउटडोर गेम खेलना भी पसंद है, और मुझे अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलना पसंद है।
  • 7) मैं एक बहुत ही ईमानदार और आज्ञाकारी लड़का हूँ और अपने माता-पिता और शिक्षकों के सभी निर्देशों का पालन करता हूँ।
  • 8) मैं नियमित रूप से अपना गृहकार्य पूरा करता हूँ और मुझे कभी स्कूल नहीं जाने देता।
  • 9) मैं हमेशा अपने बड़ों का सम्मान करता हूं और उनकी सलाह का सख्ती से पालन करता हूं।
  • 10) मैं हमेशा अपने माता-पिता के साथ खेलने के बाद सभी खिलौनों को सही जगह पर रखकर उनकी मदद करने की कोशिश करता हूं।

अपने बारे में 20 वाक्य लिखो (myself essay 20 lines in Hindi)

  • 1) मेरा नाम अमन है और मेरी उम्र 13 साल है।
  • 2) मैं कुर्ला डिवीजन में उपनगरीय मुंबई में अपने परिवार के साथ रहता हूं।
  • 3) मेरे पिता एक बहुराष्ट्रीय फर्म में काम करते हैं, और मेरी माँ एक गृहिणी हैं।
  • 4) मेरे माता-पिता दोनों सप्ताह में पाँच दिन अपने कार्यक्रम में बहुत व्यस्त हैं।
  • 5) सप्ताहांत मनोरंजन के लिए हैं, और हम सप्ताहांत पर पिकनिक पर जाते हैं।
  • 6) मेरा शौक क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना है।
  • 7) मैं सुबह जल्दी उठता हूँ ताकि समय पर स्कूल पहुँच जाऊँ।
  • 8) सुबह मुझे ज्यादा ट्रैफिक का सामना नहीं करना पड़ता है, जबकि लौटने पर ट्रैफिक थोड़ा व्यस्त हो जाता है।
  • 9) जब मैं घर पर दोपहर का भोजन करता हूं, तो कुछ देर आराम करता हूं और अपनी पढ़ाई शुरू करता हूं।
  • 10) जब मेरे पिता अपने कार्यालय से लौटते हैं तो हम हमेशा साथ में खाना खाते हैं।
  • 11) मेरा नाम राहुल चिनप्पा है, और मेरी उम्र 15 साल है।
  • 12) मैं अपने माता-पिता और बड़ी बहन के साथ चेन्नई में रेलवे स्टेशन के पास रहता हूँ।
  • 13) मेरे पिता एक व्यवसायी हैं और परिवार चलाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
  • 14) मेरी माँ घर और परिवार के सदस्यों की ज़रूरतों की देखभाल करती है।
  • 15) मेरे घर का अपना एक छोटा सा बगीचा है, जिसमें तरह-तरह के फूल हैं।
  • 16) छुट्टियों के दौरान, हम अपने दादा-दादी से मिलने जाते हैं, जो हमारे पैतृक गाँव में रहते हैं।
  • 17) चेन्नई की जलवायु गर्मियों में गर्म और आर्द्र हो जाती है।
  • 18) चेन्नई एक तटीय क्षेत्र है, इसलिए चेन्नई की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में समुद्र मुख्य भूमिका निभाता है।
  • 19) चेन्नई एक महानगरीय शहर है जहां विभिन्न जातीय और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोग रहते हैं।
  • 20) मैं अपने शहर और उसके लोगों से प्यार करता हूं क्योंकि वे मेरी पहचान और मेरा गौरव हैं।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
  • New Year Essay
  • New Year Speech
  • Mahatma Gandhi Essay
  • My Mother Essay
  • My Family Essay
  • Environment Essay
  • Health Is Wealth Essay
  • My Teacher Essay

खुद पर निबंध 100 शब्द (myself essay 100 words in Hindi)

मेरा नाम ओल्विया है और मेरी उम्र 7 साल है। मेरा जन्मदिन 11 अप्रैल को है। मेरी 1 बड़ी बहन और 1 छोटा भाई है। मैं अपने माता-पिता, भाई-बहनों और अपने दादा-दादी के साथ बंगलौर में रहता हूँ। मैंने कैंडी नाम का एक पालतू कुत्ता पाला है जो 1 साल का है। हर सुबह उठने के बाद, मैं अपने पालतू जानवर को टहलने के लिए ले जाऊँगा। उसके बाद मैं फ्रेश हो जाऊंगा और अपने स्कूल के लिए तैयार हो जाऊंगा। स्कूल जाने से पहले मैं अपना बैग और टिफिन पैक कर लूंगा। स्कूल का समय समाप्त होने के बाद, मैं अपना समय अपने दोस्तों के साथ खेलने में बिताऊंगा। शाम को मैं अपना पसंदीदा कार्टून कुंग फू पांडा देखूंगा। उसके बाद, मैं अपना होमवर्क पूरा करूंगा और अपने परिवार के साथ डिनर करूंगा। रात के खाने के बाद, मैं अपनी दादी द्वारा सुनाई गई सोने की कहानियाँ सुनूँगा। मैं हमेशा खुश और शांतिपूर्ण माहौल में प्यार करता हूं।

मेरा परिचय निबंध 150 शब्द (myself essay 150 words in Hindi)

मेरा नाम रैंड है मैं एबीसी स्कूल, बैंगलोर में पढ़ रहा हूँ। मेरा जन्म और पालन-पोषण बैंगलोर में हुआ था और मुझे बैंगलोर शहर बहुत पसंद है। मैं अपने माता-पिता के साथ रहता हूं और मैं अपने माता-पिता से बहुत प्यार करता हूं। मेरी सबसे अच्छी दोस्त का नाम टीना है और हम दोनों एक ही स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ते हैं। 

मुझे उसके साथ समय बिताना अच्छा लगता है। मेरे पसंदीदा कार्टून चरित्र टॉम एंड जेरी हैं और मुझे शो देखना बहुत पसंद है। मुझे हरे पौधे बहुत पसंद हैं, इसलिए मेरा पसंदीदा रंग हरा रंग है। मैं अपना ज्यादातर समय शतरंज खेलने और किताबें पढ़ने में देता हूं। मेरा शौक नाचना और गाना है। मेरी महत्वाकांक्षा डॉक्टर बनने और गरीब लोगों की सेवा करने की है। मैं एक डॉक्टर बनने का सपना देखता हूं और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए एक बहुत बड़ा अस्पताल बनाना चाहता हूं। मुझे अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ, स्वस्थ और खुश रखना अच्छा लगता है।

खुद पर निबंध 200 शब्द (myself essay 200 words in Hindi)

हम एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और दादा-दादी से जुड़े हुए हैं। मेरे पास दोस्तों का एक समूह है लेकिन सनिका मेरी सबसे अच्छी और सच्ची दोस्त है।

मैं उसके साथ कुछ भी साझा कर सकता हूं और वह भी हम एक ही स्कूल में पढ़ते हैं लेकिन अलग-अलग कक्षाओं में। मुझे स्कूल के समय के बाद बस में अपने दोस्तों को चुटकुले सुनाना अच्छा लगता है।

मेरा एक अनोखा परिवार है। मेरे परिवार के सभी सदस्य व्यापक और खुले विचारों वाले हैं। वे हमेशा मुझे हर क्षेत्र में अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

वे मुझे कभी पीछे नहीं खींचते और हमेशा मुझे प्रेरित करते हैं। मैं इस परिवार में जन्म लेकर बहुत खुश हूं।

मेरा परिवार एक क्रॉस-सांस्कृतिक विस्तारित परिवार है जहाँ मेरे चाचा, चाची, दादा-दादी, चचेरे भाई आदि एक साथ रहते हैं।

मैं अपने परिवार के साथ बहुत अच्छा समय बिताता हूं क्योंकि हम हर त्योहार एक साथ मनाते हैं। मैं घर के अन्य बच्चों को हर दिन घर के काम करने में मदद करता हूं।

खुद पर निबंध 250 शब्द (myself essay 250 words in Hindi)

मेरा नाम रानी है लेकिन मेरे पालतू जानवर का नाम सारा है। मेरे माता-पिता और दादा-दादी आमतौर पर मुझे मेरे पालतू नाम से बुलाते हैं। मेरे माता-पिता मेरे स्वास्थ्य के प्रति बहुत सचेत हैं।

वे मुझे हर सुबह 5 बजे जगाते हैं और मुझसे सभी दैनिक दिनचर्या करने के लिए कहते हैं। मेरी माँ मुझे रोज सुबह एक सेब देती हैं और एक घंटे के बाद स्वस्थ नाश्ता करती हैं।

मैं स्कूल बस से सही समय पर स्कूल जाता हूँ। मुझे कभी देर नहीं होती है मेरा स्कूल सुबह 8 बजे शुरू होता है और दोपहर 2 बजे समाप्त होता है।

मेरी माँ मुझे नाश्ते के लिए स्वस्थ फल और दोपहर के भोजन के दौरान स्वस्थ भोजन देती हैं। मैं 8वीं कक्षा में पढ़ता हूं। मेरे स्कूल का नाम शिवाजी महाराजा जूनियर पब्लिक स्कूल है।

मैं 13 साल का हूं और अपने माता-पिता के साथ गाजियाबाद में रहता हूं। मैं नृत्य और पियानो कक्षाओं में शामिल हुआ क्योंकि मुझे नृत्य और पियानो सीखना पसंद है।

मैं अपने दोस्तों और अपने प्यारे माता-पिता और दादा-दादी के साथ घर पर अपने स्कूल के समय का पूरा आनंद लेता हूं। मेरे अच्छे पड़ोसी हैं, वे एक-दूसरे को समझते हैं और कभी झगड़ा नहीं करते।

मुझे पिकनिक बहुत पसंद है और हम सभी सर्दी और गर्मी की छुट्टियों में पिकनिक की योजना बनाते हैं। मैं अपने स्कूल में बहुत अच्छा छात्र हूँ।

मैं स्कूलों की सभी पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लेता हूं और अच्छा प्रदर्शन करता हूं। मैं अकादमिक और खेल गतिविधियों में बहुत अच्छा हूं।

मेरे स्कूल में एक बड़ा बगीचा है और एक बड़ा खेल का मैदान खेल के लिए सभी सुविधाएं प्रदान करता है। मेरे विद्यालय में स्वस्थ, अच्छा और शांतिपूर्ण वातावरण है।

खुद पर निबंध 300 शब्द (myself essay 300 words in Hindi)

मेरा नाम सुनील है; मैं दिल्ली में 9वीं कक्षा में पढ़ता हूं। मैं एक स्व-प्रेरित छात्र हूं जो हमेशा अपने स्कूल के दोस्तों को प्रेरित करना और उनके कठिन समय में उनकी मदद करना पसंद करता है।

मैं अपने स्कूल में एक होनहार छात्र हूं और अकादमिक और खेल गतिविधियों में अच्छा करता हूं। मैं किसी भी तनावपूर्ण स्थिति में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हूं।

मैं अपने स्कूल में एक बहुत ही कुशल और ज्ञानी छात्र हूँ, बहुत मेहनत से लम्बे समय तक पढ़ाई करता हूँ। मैंने अपना गृहकार्य और कक्षा का काम कभी अधूरा नहीं छोड़ा और सोने से पहले खत्म करना पसंद किया।

मेरी अच्छाई और समय की पाबंदी के कारण मेरे शिक्षक मुझे बहुत पसंद करते हैं। मैं कभी नहीं थकता और कड़ी मेहनत करता हूं क्योंकि मेरे माता-पिता हमेशा मेरा ख्याल रखते हैं, वे हमेशा मेरे स्वास्थ्य और आहार के प्रति सचेत रहते हैं।

मेरे शैक्षणिक कार्यकाल के कारण, मुझे हमेशा अच्छे अंक और ग्रेड मिलते हैं। मैं अपने विद्यालय में एक योग्यता छात्रवृत्ति धारक हूँ।

मैं अपने स्कूल में कंप्यूटर बहुत अच्छी तरह से सीखता हूँ और कंप्यूटर के बारे में सब कुछ जानता हूँ। मैं सब कुछ अपने संगठित कार्य के अनुसार करता हूं।

मैं अपने किसी भी कार्य से कभी नहीं बचता, चाहे वह घर पर हो या स्कूल में। मैं हमेशा अपने माता-पिता का सम्मान करता हूं और अपनी मां को उनके घर के कामों में और अपने पिता को उनके ऑफिस प्रोजेक्ट्स में मदद करता हूं।

मैं अपनी मां की तारीफ और व्यंजनों को साझा करता हूं। मैं अपने कमरे को हमेशा साफ रखता हूं और हर रविवार को आकर्षक ढंग से सजाता हूं।

मैं अपने और अपने परिवार के प्रति अपनी सभी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह समझता हूं। मैं हमेशा अपने दिलचस्प चुटकुलों और अच्छी बातचीत के जरिए अपने दोस्तों और सहपाठियों को खुश करने की कोशिश करता हूं।

मैं उन्हें उनकी मुश्किलों से उबारने के लिए सलाह और सुझाव देने के लिए हमेशा तैयार रहता हूं। मुझे लड़की से बहुत सहानुभूति है और मैं अपनी कॉलोनी में या रास्ते में बूढ़े लोगों और बच्चों का समर्थन करने की कोशिश करता हूं।

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खुद पर निबंध 500 शब्द (myself essay 500 words in Hindi)

इस धरती पर सात अरब लोग हैं, और हर कोई बाकियों से अलग है। इस दुनिया में बिना उद्देश्य के कुछ भी नहीं है। हर चीज का कोई न कोई मकसद होता है। मनुष्य सबसे अच्छी रचना है, और प्रत्येक व्यक्ति अनन्य है। इस प्रकार, अपने बारे में लिखते हुए, मैं यहां अपने आप को व्यक्त करने के लिए हूं कि मैं क्या देखता हूं, मैं क्या अनुभव करता हूं और मैं अपने जीवन के लिए क्या योजना बनाता हूं। मैं खुद को विनम्र, भावुक, समर्पित, मेहनती और ईमानदार बनने की कोशिश करता हूं।

मेरा परिवार और मेरा बचपन

मैं बिहार के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूं, मैं नरेश शुक्ला हूं। इस दुनिया में कोई भी परिवार और दोस्तों के समर्थन के बिना नहीं आता है। दरअसल, आप जो कुछ भी होंगे वो सिर्फ आपके परिवार की वजह से है। मेरे पिता हमारे समुदाय में एक सम्मानित व्यवसायी हैं।

मेरी मां एक डॉक्टर है। वे दोनों अपने व्यवसाय से प्यार करते हैं। यही मैंने अपने माता-पिता से समय का मूल्य, ईमानदारी, कड़ी मेहनत और उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में सीखा है।

हम तीन भाई-बहन हैं। सबसे बड़ा होने के नाते मैं अपने भाइयों और बहनों में से सबसे अधिक उत्तरदायी हूं। मैं अपने अन्य भाई-बहनों का मार्गदर्शन और देखभाल करना चाहता हूं। हम सब एक ही स्कूल में हैं। पढ़ना मेरा जुनून है।

मैं उपन्यासों और इतिहास की किताबों का उत्सुक पाठक हूं क्योंकि मुझे भारतीय इतिहास और शास्त्रीय वास्तुकला में गहरी दिलचस्पी है। मुझे प्राचीन भारत के समृद्ध इतिहास और सभ्यता का उल्लेख करने वाली किताबें पढ़ना अच्छा लगता है। बचपन से मैं अपनी दादी माँ की कहानियाँ सुनता था और इसका मुझ पर लंबे समय तक प्रभाव रहता है।

मेरी शिक्षा

मैं अपने शहर के सबसे अच्छे स्कूल में पढ़ रहा हूँ। मैं इस समय 10वीं कक्षा में हूँ। अच्छे दोस्तों, मददगार और प्यार करने वाले शिक्षक और अच्छे स्कूल प्रशासन के साथ इस महान स्कूल का हिस्सा बनकर मुझे खुशी हो रही है। मेरे पास कुछ विषयों में असाधारण कौशल है जबकि कुछ में मैं बहुत कमजोर हूं।

मेरी शक्तियां

पढ़ाई की तुलना में मैं खेलकूद में अच्छा हूं। इसलिए मैं अपनी कक्षा फुटबॉल टीम का कप्तान हूं। मैं अपने स्कूल का सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ी हूं। इसके अलावा, मैं एक तेज धावक भी हूं और मुझे एथलेटिक्स पसंद है। मैं विशेषज्ञ तैराकी में हूं।

मेरे माता-पिता की सलाह का मेरी आदतों पर गहरा प्रभाव पड़ा। मैं सच बोलने में विश्वास रखता हूं और पूरी कोशिश करता हूं कि झूठ न बोलूं। मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे सलाह दी कि अगर मैं कोई गलती करता हूं, तो मुझे उसे स्वीकार करना चाहिए। मैं ऐसा करने की पूरी कोशिश करता हूं। मैं हर हाल में खुश रहना जानता हूं। क्योंकि मेरा मानना ​​है कि: “खुशी बाहर नहीं है; यह आप में है।”

मैं भी बहुत साहसी व्यक्ति हूं और जोखिम उठाना पसंद करता हूं। पुरानी चीजों को बार-बार करने के अलावा मुझे क्रिएटिव काम करना अच्छा लगता है। नई चीजें सीखना एक ऐसी चीज है जिसका मैं हमेशा आनंद लेता हूं। मैं हमेशा खुद को खबरों से अपडेट रखता हूं।

इसके साथ ही मुझे कुछ बाल पत्रिकाएं पढ़ने का भी शौक है जिनमें अलग-अलग प्रेरक कहानियां हैं। उन्होंने मुझे एक उच्च नैतिक पाठ पढ़ाया। मैं बहुत आत्मविश्वासी व्यक्ति हूं और बात करना जानता हूं। मैं हमेशा हर व्यक्ति से उसकी आवश्यकता के अनुसार बात करने की कोशिश करता हूं इसलिए मैं लोगों को समझता हूं।

मेरी कमजोरियां

जैसे हर आदमी में कमजोरियां होती हैं, वैसे ही उनमें भी कमजोरियां होती हैं। मैं कुछ जगहों पर थोड़ा आलसी हूं जो मुझे पसंद नहीं है। समय खेलने के दौरान मैं अपना काफी समय वहीं गुजारता हूं जो अच्छी आदत नहीं है, लेकिन मैं अपनी कमजोरियों को दूर करने की पूरी कोशिश करता हूं।

जीवन में मेरी महत्वाकांक्षाएं

जीवन में हर किसी की एक महत्वाकांक्षा होती है। लक्ष्य या महत्वाकांक्षा मनुष्य की आंतरिक अभीप्सा है। संसार में कोई भी मनुष्य बिना लक्ष्य के कुछ नहीं कर सकता। इसलिए, हम सभी को जीवन में अपने लक्ष्य के बारे में बहुत दृढ़ संकल्प होना चाहिए।

अच्छी करियर योजना के बिना, शुरुआत से ही, कोई भी सही रास्ते पर नहीं जा सकता है। व्यक्ति को अपने व्यापक करियर लक्ष्यों के अनुसार लक्ष्य निर्धारित करने होते हैं।

मैंने जीव विज्ञान का अध्ययन किया है और मैं प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा में बैठूंगा। मैं एक अच्छा और ईमानदार छात्र बनने की कोशिश करूंगा। तब मैं एक योग्य चिकित्सक बनूंगा। मैं एक अच्छा डॉक्टर बनने के लिए वह सब कुछ करूंगा और इसके प्रति ईमानदार रहूंगा।

ये सभी चीजें हैं जो मुझे व्यक्त करती हैं। हालांकि वाक्यों के कुछ सेटों में किसी का वर्णन नहीं किया जा सकता है। अपने जीवन के बारे में कुछ भी लिखने से पहले व्यक्ति को स्वयं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होती है। जीवन अपने साथियों के लिए अच्छा करने के लिए उत्साह से और कल्पना के साथ जीने के लिए है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, मैंने हमेशा अपने लोगों की सेवा करने की इच्छा की है कि मैं जिस भी क्षमता से कर सकता हूं।

मेरा परिचय पर निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

निबंध ‘अबाउट माईसेल्फ’ में आप कौन सी चीजें लिख सकते हैं.

कुछ चीजें हैं जो आप निबंध लिखते समय अपने बारे में लिख सकते हैं। आप अपने शौक, प्रतिभा, शिक्षा और सपनों के करियर के बारे में लिख सकते हैं।

आप किसके बारे में लिख सकते हैं?

जब आप अपने बारे में लिख रहे होते हैं तो आप अपने परिवार के बारे में लिख सकते हैं क्योंकि परिवार आपको वह बनाता है जो आप आज हैं।

निबंध लिखना कैसे शुरू करें?

निबंध शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि लेख लिखना अपना परिचय देकर शुरू करना है।

आप अपने आप को बेहतर तरीके से कैसे व्यक्त कर सकते हैं?

अपने आप को व्यक्त करने का सबसे अच्छा तरीका है अपने अनुभवों के बारे में लिखना।

बालिका शिक्षा पर निबंध

Essay on Girl Education in Hindi: नमस्कार दोस्तों, शिक्षा हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। शिक्षा लड़का हो या लड़की सबके लिए अनिवार्य होती है। हमारी यह पोस्ट बालिका शिक्षा पर निबंध लेखन (Essay on Girl Education in Hindi ) को लेकर है।

Essay on Girl Education in Hindi

यह हिंदी निबंध कक्षा 1 से 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए उपयोगी साबित होगा ही साथ में यह Hindi Nibandh उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा। अतः आप इस लड़कियों की शिक्षा पर निबंध (Girl Education Essay in Hindi) को अंतिम तक जरूर करें।

बालिका शिक्षा पर निबंध – Essay on Girl Education in Hindi

बालिका शिक्षा पर निबंध – 300 word.

देश मे शिक्षा को बढ़ावा देने व खासकर बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय एवं राज्य सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएँ चलाई जा रही है। भारत के संविधान मे इसके लिए एक अधिकार भी जोड़ा गया है जो कि शिक्षा के अधिकार के नाम से जाता है, जिसमे गांव व कस्बो के साथ बड़े शहरो मे भी शिक्षा व इससे से जुड़े कार्यो को बढ़ावा दिया जा रहा है।

बालिका शिक्षा का महत्व

Balika Shiksha ka Mahatva: आज के समय मे देखा जाये तो लड़किया भी लड़को की तरह हर क्षेत्र मे अपना नाम कमा रही है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने वाली सावित्री बाई फुले से प्रेरणा लेकर हम बालिका शिक्षा महत्व दे सकते है। आज कई शिक्षित लड़किया देश मे Doctor, आई.ए.एस, इंजीनियर कई महत्वपूर्ण पदो पर अपनी सेवा दे रही है।

महिलाओं को अगर बेहतर शिक्षा दी जाती है तो महिलाएं देश के विकास मे अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकेगी। किसी भी देश के विकास मे महिलाओं और पुरूषों को शिक्षा के अवसर समान रूप से मिलना चाहिए।

बालिका शिक्षा के लाभ

देश के एक बेहतर भविष्य के लिए बालिका शिक्षा काफी महत्वपूर्ण है। बालिका शिक्षा के कुछ लाभ निम्नानुसार है। 

  • महिलाए देश के बेहतर भविष्य की एक महत्वपूर्ण नींव है। 
  • शिक्षित महिलाओं की वजह से देश में कन्या भ्रुण हत्या व बालिका अपराध जैसी घटनाओ मे कमी आ रही है। 
  • शिक्षित बालिकाओं की वजह से महिलाओं मे एच.आई.वी / एड्स जैसी बिमारियो मे कमी आ रही है। 
  • शिक्षित महिलाएँ घर के आय-व्यय को एक बेतहर ढ़ग से सम्भाल रही है। 

शिक्षित व अशिक्षित बालिकाओ मे अन्तर

  • शिक्षित और अशिक्षित महिलाओं के मध्य पहला अन्तर रहता है सोच का, शिक्षित महिलाएं की सोच ज्यादा प्रेक्ट्रिकल होती है। 
  • शिक्षित और अशिक्षित महिलाओं के मध्य व्यवहार का अन्तर।
  • शिक्षित और अशिक्षित महिलाओं मे फैसले लेने की सोच का अन्तर।

किसी भी देश के सुधार के लिए शिक्षित लड़कियों को योगदान काफी महत्वपूर्ण है। इसलिए लड़कियों को शिक्षा हेतु प्रेरित किया जाना चाहिए, इसके लिए सरकार भी कई अलग अलग प्रोग्राम चला रही है ताकि बालिका शिक्षा का स्तर सुधारा जा सके।

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बालिका शिक्षा पर निबंध – 400 word

शिक्षा सबके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है फिर चाहे वो महिला हो या पुरूष बिना शिक्षा के किसी का भी विकास सम्भव नही है। शिक्षा रंग भेद, जाति भेद, इत्यादी भेदभावो को राकने मे शिक्षा का काफी योगदान रहता है। शिक्षा बालिकाओं को अपने लिए एक बेहतर भविष्य चुनने मे मदद करती है।

एक शिक्षित महिला मे आत्मविश्वास , कौशल, सूचना, प्रतिभा इत्यादी की कोई कमी नही रहती। महिला और पुरूष एक सिक्के के दो पहलू है जो देश के विकास मे काफी मददगार रहते है, तो उन्हें विकास के अवसर भी समान रूप से दिये जाने चाहिए जिसमे शिक्षा एक महत्वपूर्ण है।

लड़कियों की शिक्षा का महत्व (Importance of Girl Education)

देश मे शिक्षित लड़कियों का काफी महत्व है। एक शिक्षित लड़की देश के विकास मे अपना काफी महत्वपूर्ण योगदान निभाती है। एक शिक्षित महिला पुरुषों के घरेलू भार को कम करती हैं। एक शिक्षित महिला आज देश मे विभिन्न क्षेत्रों के जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, IAS, IPS में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभा रही हैं। आज के आर्थिक संकट में शिक्षा लड़कियों के लिए एक वरदान साबित हो रही हैं। शिक्षा लड़कियों को आर्थिक रूप से स्वंत्र बनाती हैं।

आज के युग मे लड़कियों को दी जाने वाली शिक्षा का काफी महत्व हैं और इसके काफी सारे लाभ भी है जो निम्न हैं:

  • शिक्षित महिलाएं अपने बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकती हैं।
  • एक शिक्षित महिला आर्थिक रूप से मजबूत बन कर देश मे गरीबी को कम करने में मदद कर सकती हैं।
  • शिक्षित महिला अपने बच्चो के टीकाकरण की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती हैं, जिससे बच्चो में होने वाली बीमारियों से बच्चो को बचाया जा सकता हैं।
  • शिक्षित महिला अपनी नॉलेज से अपने घर की कमाई में योगदान दे सकती हैं।

एक पुरूष को शिक्षित कर के देश के एक हिस्से को बेसक मजबूत किया जा सकता हैं परंतु एक महिला को शिक्षित कर के पूरे देश को एक मजबूत स्तिथि में लाया जा सकता हैं।

अशिक्षित बनाम शिक्षित महिला

एक शिक्षित महिला और एक अशिक्षित महिला में काफ़ी अंतर रहता हैं जो देश और समाज को बनने व बिगाड़ने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।

  • एक अशिक्षित महिला अपने घर के कार्यो मे उलझी रहती है, वही एक शिक्षित महिला एथलीट, रिपोर्टर, अधिकारी इत्यादी के रूप मे कार्य करती है। 
  • एक शिक्षित महिला अपने बच्चो के लिए बेहतर भविष्य के लिए उन्हे शिक्षित कर सकती है, वही अशिक्षित महिलाओं के लिए यह कम देखा जाता है। 
  • एक शिक्षित महिला व एक अशिक्षित महिला के मध्य सोच का काफी अन्तर रहता है।

नारी की महिमा

सभी रस भावों का संस्कार है नारी, दया, ममता, करुणा का भंडार है नारी काव्य रस का सार है नारी जीवन का आधार है नारी।

सरस्वती तो कभी लक्ष्मी अन्नपूर्णा तो कभी तुलसी के रूप में हर घर की अभिलाषा हो तुम करुणा, धर्य, शौर्य की परिभाषा हो तुम।

झांसी की रानी लक्ष्मी बाई बनकर तुमने युद्ध की सेना में वीर रस का संचार किया भक्ति रस में डूबी मीराबाई ने निश्चल प्रेम भक्ति का प्रचार किया।

अंबे काली बनकर तुमने रौद्र रूप में दुष्टों का संहार किया यशोदा माता बनकर तुमने वात्सल्य रस का श्रृंगार किया।

तुम साधना तुम वंदना नित हो रहा नारी महिमा का बखान वेद पुराण भी करते हैं तुम्हारे शक्ति, ज्ञान,साहस का गुणगान।

नारी में ही समाई सृष्टि सारी ना कहिए नारी को बेचारी शत् शत् नमन तुमको करते सब वंदना तुम्हारे जय हो नारी – जय हो नारी।

सरकार भारत मे महिला शिक्षा को बढावा देने के लिए काफी महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है। हमारे समाज मे महिलाओं के योगदान को नजर अंदाज नही किया जा सकता है। इसलिए महिला शिक्षा को बढावा दिया जाना चाहिए और देश की हर बालिका को पढ़ने का समान अवसर दिया जाना चाहिए।

बालिका शिक्षा पर निबंध – 500 word

महिलाओ की शिक्षा के बिना किसी भी देश के विकास की कल्पना करना नामुमकिन है। देश के विकास मे महिलाओं का काफी योगदान है। एक पुरूष को शिक्षित करने के से घर का सिर्फ एक सदस्य शिक्षित होता है परन्तु एक महिला के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है। किसी भी देश के विकास मे महिलाओं और पुरूषों को शिक्षा के अवसर समान रूप से मिलना चाहिए।

नारी शिक्षा का महत्व

एक सभ्य समाज का विकास उस देश की नारियों से ही सम्भव है। परिवार की छोटी छोटी ईकाई मिलकर एक परिवार का निर्माण करती है और उस परिवार का मुख्य बिन्दू महिला होती है। महिला और पुरूष एक सिक्के के दो पहलू है जो देश के विकास मे काफी मददगार रहते है, तो उन्हे विकास के अवसर भी समान रूप से दिये जाने चाहिए जिसमे शिक्षा एक महत्वपूर्ण है।

महिलाओं को अगर बेहतर शिक्षा दी जाती है तो महिलाएं देश के विकास मे अपना महत्वपूण योगदान दे सकेगी। किसी भी देश के विकास मे महिलाओं और पुरूषों को शिक्षा के अवसर समान रूप से मिलना चाहिए। आज हमारे देश मे करीबन 64.6 प्रतिशत शिक्षित नारीयां है। पूर्व मे नारियों की शिक्षा मे कमी का मुख्य कारण है उनकी गुलामी, जो लड़कियों को अंग्रेजी के भय के कारण घरा से बाहर तक नही निकलने देते थे। 

शिक्षित नारी बनाम अशिक्षित नारी

आज के समय मे हमारे समाज मे कई बार ऐसी स्थितियां बन जाती है कि हमे शिक्षित नारियां एवं अशिक्षित नारियो के बारे जानने की आवश्यकता पड़ जाती है। वेसे तो शिक्षित नारियां एवं अशिक्षित नारियों मे कोई अंतर नही है परन्तु फिर भी अगर शिक्षा की दृष्टि से देखा जाये तो इन दोनो मे काफी अंतर है जो की निम्न है। 

  • शिक्षित व अशिक्षित नारियों के मध्य सबसे पहला अंतर है सोच का, किसी भी मदभेद के मामले मे एक शिक्षित महिला ज्यादा प्रेट्रिकली सोच पायेगी और मसले को हल करने की भी कोशिश करेगी वही एक अशिक्षित नारी हो सकते है वा अपने जजबातो से कोई फैसला ले। 
  • दूसरा अंतर है आत्मनिर्भर बनने का: एक शिक्षित नारी अपने बेहतर भविष्य के लिए कुछ भी काम कर सकती है फिर चाहे वो किसी प्राईवेट क्षेत्र मे कोई काई हो किसी सरकारी क्षेत्र में। 
  • एक शिक्षित नारी अपने परिवार की जिम्मेदारी एक बेहतर ढ़ग से कर सकती है। 

महिला शिक्षा हेतु महत्वर्पूण सरकारी योजनाएँ

महिलाओं को एक बेहतर ढ़ग से शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाएँ चलाई जा रही है, जो निम्न है।

  • इंदिरा महिला योजना
  • सर्व शिक्षा अभियान
  • बालिका समृद्वि योजना।
  • राष्ट्रीय महिला कोष
  • महिला समृधि योजना
  • रोज़गार तथा आमदनी हेतु प्रशिक्षण केंद्र
  • महिलाओं तथा लड़कियों की प्रगति के लिए विभिन्न कार्यक्रम

महिला शिक्षा के लाभ

वैसे तो एक शिक्षित महिला के लाभ कई है परन्तु उनमे से कुछ लाभो के बारे मे हम आपको बता रहे है। 

  • महिलाएं देश के बेहतर भविष्य की एक महत्वपूर्ण नींव है। 
  • शिक्षित महिलाओं की वजह से देश में कन्या भ्रुण हत्या व बालिका अपराध जैसी घटनाओं मे कमी आ रही है। 
  • शिक्षित महिलाएँ घर के आय – व्यय को एक बेतहर ढ़ग से सम्भाल रही है। 

शहरी तथा ग्रामीण ईलाको मे शिक्षा का स्तर इस समय मे काफी बदला है।  सरकार भारत मे महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काफी महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है। हमारे समाज मे महिलाओ के योगदान को नजर अंदाज नही किया जा सकता है। इसलिए महिला शिक्षा को बढावा दिया जाना चाहिए और देश की हर बालिका को पढ़ने का समान अवसर दिया जाना चाहिए।

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बालिका शिक्षा पर निबंध – 600 word

 प्रस्तावना.

”अथ शिक्षा प्रवश्यम:मातृमान पित्रमानाचार्यवान पुरुषो वेद:” अर्थात् जब् तीन उत्तम शिक्षक एक माता, दुसरा पिता, और तीसरा आचार्य हो तो तभी मनुष्य ज्ञानवान होगा। परन्तु आज के समय मे नारी शिक्षा के क्षेत्र मे काफी आगे निकल चुकी है। आज की नारी लगभग क्षेत्र मे अपनी एक अलग पहचान बना रही है फिर चाहे वो खेल और या व्यवसाय। एक नारी नेता होती, एक शिक्षक होती, एक डोक्टर होती है, एक इंजीनियर, एक वकीलए एक निदेशक इत्यादी होती है। 

बालिका शिक्षा की आवश्यकता

भारत के विकास के लिए बालिका शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि लड़कों से बेहतर काम लड़कियां भी कर सकती हैं। आज के समय में नारी शिक्षा देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और अनिवार्य है, इन्हीं से देश का भविष्य बेहतर बन सकता है। भारत को आर्थिक व सामाजिक रूप से विकसित होने के लिए बालिका शिक्षा एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

एक बालिका शिक्षित होगी तो उससे दो परिवारों का उत्थान होना निश्चित है। इन्हें शिक्षित करना समाज का दायित्व है। इन्हें बिना किसी भेदभाव से शिक्षित कर भारत के भविष्य को बेहतर बनाने में समाज को मदद चाहिए।

प्राचीन समय मे नारी का महत्व

प्राचीन काल मे नारियों को महत्व काफी था, महिलाएं पुरूषों संग यज्ञो मे भाग लेती थी, युधो मे जाती थी। प्राचीन समय के बाद धीर धीरे महिलाओं का स्थान पुरूषोे के बाद मे गिना जाने लगा। परन्तु आज के समय मे नारी शिक्षा को एक महत्वपूर्ण योगदान दिया जाता जरूरी है। नारियो को निःशुल्क शिक्षा दी जाने लगी। 

नारी शिक्षा के उद्देश्य

एक देश के विकास के लिए नारी शिक्षा को बढ़ावा दिया जाना बेहद जरूरी होता है। आज के समय मे लगभग बड़े पदों पर नारियां अपनी सेवाएँ दे रही है। नारी शिक्षा के उद्देश्य मे कछ मुख्य बिन्दु निम्नानुसार है।

  • बालिकाओ को जीवन मे बेहतर ढ़ग के लिए मजबूत करना।
  • महिलाओं के कार्यक्षेत्र को बढ़ाना। 
  • महिलाओं की साक्षरता दर को बढ़ाना।
  • नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।

नारी शिक्षा के लाभ

एक नारी से पुरा परिवार शिक्षित होता है। वैसे तो नारी शिक्षा के कई लाभ है परन्तु उनमे से कुछ लड़कियों की शिक्षा के महत्वपूर्ण लाभो से हम आपको रूबरू करवाते है। 

  • जितनी महिलाएं शिक्षित होगी उतनी ही बाल मृत्यु दर कम होगी। 
  • अगर महिला शिक्षित होगी तो उस महिला के घरेलु व यौन शौषन की शिकार होने की सम्भावना कम होगी। 
  • शिक्षित महिला भष्ट्राचार को कम करती है। 
  • शिक्षित महिलाएं घर मे योगदान दे सकती है। 
  • शिक्षित महिलाएं स्वास्थ ज्यादा होती है और उनमे आत्मविश्वास ज्यादा होता है। 
  • एक महिला अगर खुद शिक्षित होती है व दूसरो को शिक्षित होने हेतु प्रेरित करती है। 
  • एक शिक्षित महिला सामाजिक कार्यो मे भाग ले सकती है और समाज को एक नई शिक्षा मे ले जाने के लिए प्रेरित करती है। 
  • शिक्षा एक महिला को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने मे मदद करती है। 
  • एक शिक्षित महिला समाज की बुराईया से लडने मे सक्षम होती है।

शिक्षित बनाम अशिक्षित महिलाएँ

आज के समय मे हमारे समाज मे कई बार ऐसी स्थिति या बन जाती है कि हमे शिक्षित नारियां एवं अशिक्षित नारियों के बारे जानने की आवश्यका पड़ जाती है। वेसे तो शिक्षित नारियां एवं अशिक्षित नारियों मे कोई अंतर नही है परन्तु फिर भी अगर शिक्षा की दृष्टि से देखा जाये तो इन दोनो मे काफी अंतर है जो की निम्न है। 

  • शिक्षित व अशिक्षित नारियों के मध्य सबसे पहला अंतर है सोचका, किसी भी मदभेद के मामले मे एक शिक्षित महिला ज्यादा प्रेट्रिकली सोच पायेगी और मसले को हल करने की भी कोशिश करेगी वही एक अशिक्षित नारी हो सकते है वा अपने जजबातो से कोई फैसला ले। 
  • दूसरा अंतर है आत्मनिर्भर बनने का। एक शिक्षित नारी अपने बेहतर भविष्य के लिए कुछ भी काम कर सकती है फिर चाहे वो किसी प्राईवेट क्षेत्र मे कोई काई हो किसी सरकारी क्षेत्र में। 
  • एक शिक्षित महिला सामाजिक व घरेरू शौषण से खुद को बचा सकती है वही एक अशिक्षित महिला शायद इसका शिकार हो जाये।

बालिका शिक्षा हमारे समाज के लिए काफी महत्वपूर्ण है। बिना नारी शिक्षा किसी भी समाज सम्भव नही है। इस निबंध मे हमने महिला शिक्षा एवं साक्षरता के बारे मे जरूरी जानकारी बताने का पूर्ण प्रयास किया है।

Essay on Girl Education in Hindi Video

Read Also: नई शिक्षा नीति पर निबंध

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Rahul Singh Tanwar

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Self Introduction in Hindi : यहाँ जानिए इंटरव्यू के लिए बेस्ट सेल्फ इंट्रोडक्शन टिप्स

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  • Updated on  
  • जून 17, 2023

Self Introduction in Hindi

इंटरव्यू किसी भी नौकरी पाने का सबसे अहम और अंतिम पड़ाव होता है और प्रत्येक इंटरव्यू में सबसे पहला सवाल यही होता है कि अपना परिचय दें। ऐसे में बहुत से लोगों को इसका जवाब सही तरीके से देना नहीं आता जिसके कारण वह उस नौकरी से हाथ धो बैठते हैं। यही कारण है कि अक्सर इंटरव्यू का नाम सुनते ही बहुत से लोगों को एंग्जायटी होने लगती है। अगर आप भी Self Introduction in Hindi प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो घबराइए नहीं….इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि नौकरी के लिए हिंदी में अपना परिचय (Self Introduction in Hindi) कैसे दें।

This Blog Includes:

What is self introduction in hindi, इंटरव्यू के लिए बेस्ट सेल्फ इंट्रोडक्शन टिप्स, अपना परिचय कैसे दें, अपने आप को इंटरव्यू में इंट्रोड्यूस कैसे करें, शैक्षिक योग्यता, प्रोफेशनल एक्सपीरियंस, यदि कोई हो, आपके शौक और रुचियां, self introduction essay in hindi (200 शब्दों में), हिंदी और इंग्लिश में सेल्फ इंट्रोडक्शन फ़्रेज़ेज़, डिग्री छात्रों के लिए सैंपल 1, डिग्री छात्रों के लिए सैंपल 2, नौकरी के लिए सैंपल, फ्रेशर्स के लिए सैंपल, अनुभवी उम्मीदवारों के लिए साक्षात्कार में सेल्फ इंट्रोडक्शन टिप्स.

सेल्फ इंट्रोडक्शन यानी कि आत्म-परिचय एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हम अपने बारे में जानकारी साझा करते हैं ताकि कोई दूसरा व्यक्ति हमें बेहतर ढंग से समझ सकें। इसके माध्यम से हम दूसरों को अपने व्यक्तित्व, क्षमता, और रुचियों के बारे में बताते हैं।

यह भी पढ़ें : पर्सनल इंटरव्यू

अब जब आप एक इंटरव्यू में सेल्फ इंट्रोडक्शन के लिए विभिन्न सवालों के जवाब देने से परिचित हैं, तो यहां दिए गए महत्वपूर्ण सुझाव हैं जो आप इंटरव्यू में Self introduction के लिए उपयोग कर सकते हैं-

  • कंपनी के बारे में अच्छी तरह से रिसर्च करें और नौकरी के विवरण में मेंशंड टॉप स्किल्स और योग्यता के माध्यम से जाएं और जिस जॉब प्रोफाइल्स के लिए आप इंटरव्यू कर रहे हैं, उसके लिए आवश्यक है।
  • अलग-अलग परिचयात्मक प्रश्नों के लिए पहले से तैयार करें विशेष रूप से जिन पहलुओं का हमने ऊपर उल्लेख किया है।
  • आपकी शैक्षिक योग्यता, पेशेवर अनुभव, शौक और रुचियों के बारे में आपकी उम्मीदवारी का ओवरव्यू करने से।
  • पूरे इंटरव्यू में अपनी बॉडी लैंग्वेज पर नजर रखें।
  • यह सुनिश्चित करें कि आप सुस्त नहीं हैं, लेकिन अपने कंधों को सीधा करें
  • अपनी चिन को ऊपर उठाएं और सीधे बैठें।
  • आप एक दोस्त के साथ मॉक इंटरव्यू करके इसका अभ्यास कर सकते हैं और इस पर प्रतिक्रिया प्राप्त कर सकते हैं कि इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।
  • विचलित होने से बचें और साक्षात्कारकर्ता के साथ आँख से संपर्क बनाए रखें लेकिन इसे ज़्यादा न करें।

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हम इंटरव्यू के बारे में उत्साहित हैं जब तक कि हम सवालों से घिरे नहीं हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कितने तैयार हैं, सभी सवालों में, सबसे मुश्किल खुद को समझाने के बारे में लगता है। और स्पष्ट कारणों के लिए, यह व्यक्तिगत साक्षात्कार का सबसे कठिन हिस्सा है क्योंकि हम शायद ही इसे एक विचार देते हैं। जब साक्षात्कारकर्ता इस सवाल के साथ आता है कि ‘मुझे अपने बारे में बताओ,’ हम खाली हो जाते हैं। हर बार साक्षात्कारकर्ता आपके व्यक्तिपरक ज्ञान की जांच नहीं करते हैं, कुछ नौकरियों में परीक्षा के अंकों से अधिक प्रबंधकीय कौशल, नेतृत्व और उच्च अनुकूलन क्षमता की आवश्यकता होती है। पहली छाप अंतिम छाप है और एक बार जब आप साक्षात्कार में self introduction देते हैं, या प्रथागत एचआर साक्षात्कार प्रश्नों का उत्तर देते हैं। हालांकि, यदि आप अभी भी Self Introduction in Hindi प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो चिंता न करें, बस पढ़ते रहें।

जिस क्षण आपको इंटरव्यू रूम में ले जाया जाता है, आपको घबराहट होने लगती है और आप उन सभी संभावित प्रश्नों और उत्तरों के बारे में सोचने लगते हैं, जिन्हें आप उस छोटी सी अवधि में फ्रेम कर सकते थे। हालांकि, हम अक्स रइंटरव्यू में हमारे सेल्फ इंट्रोडक्शन के बारे में पहले प्रश्न के महत्व को अनदेखा करते हैं। बस वापस बैठो और इन निम्नलिखित संकेत पर ध्यान दें कि सेल्फ इंट्रोडक्शन कैसे करें।

हिंदी में अपना परिचय कैसे दें?

जब एक इंटरव्यू में Self Introduction in Hindi की बात आती है, तो आपको इसकी आवश्यकता होती है। सबसे पहले, साक्षात्कारकर्ता को एक बड़ी मुस्कान के साथ बधाई दें। जब आपसे खुद का वर्णन करने के लिए कहा जाता है , तो अपना पूरा नाम और एक संक्षिप्त परिचय के साथ शुरू करें। आप अपने हितों या शौक की तरह अपने बारे में कुछ अनौपचारिक या व्यक्तिगत जानकारी भी जोड़ सकते हैं। बस अपने परिवार के बारे में एक छोटा सा विवरण दें। अपने शरीर को हमेशा एक आश्वस्त बॉडी लैंग्वेज के साथ तनाव मुक्त रखें। उनके साथ एक आँख से संपर्क बनाए रखें और उचित समय पर सिर हिलाएं। इस से ही इंटरव्यू में Self Introduction की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। 

अपने नाम और अन्य बुनियादी विवरणों के साथ अपना परिचय देने के बाद, इंटरव्यूयर को अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में बताएं। हालांकि आपने अपने रिज्यूम में इसका जिक्र पहले ही कर दिया होगा, फिर भी आपको इस बात की पूरी जानकारी देनी होगी कि आपने जो भी अध्ययन किया है। अपनी उपलब्धियों के बारे में ईमानदार रहें और यह सुनिश्चित करें कि आप अपने करतब के बारे में बात करते समय अति आत्मविश्वास से कम नहीं लग रहे हैं।

यदि आप एक फ्रेशर हैं, तो आपकी शैक्षणिक योग्यता आपकी संपत्ति है। हालांकि, यदि आप अनुभवी कार्मिक हैं, तो आपको अपने पिछले कार्य अनुभवों के सभी डिटेल्स का उल्लेख करना चाहिए और यह सब आपने उस समय के दौरान सीखा और हासिल किया। उन इंटर्नशिप और कार्यशालाओं के बारे में बात करें जिनमें आपने भाग लिया है। साक्षात्कार में अपना परिचय देते समय, मूल्यांकनकर्ता आपके शैक्षिक और कार्य अनुभव के विवरणों को उत्सुकता से नोट करता है।

बातचीत को अनौपचारिक लहजे में लेने में संकोच न करें। अनुभवों के बाद, अपने शौक का उल्लेख करें और पेशेवर और व्यक्तिगत रूप से आपकी सबसे ज्यादा दिलचस्पी क्या है। सावधान रहें कि अनौपचारिकता में ग्लाइड को अधिक न लें और एक साक्षात्कार का सार बनाए रखें। 

मेरा नाम राम है। मेरी उम्र 18 वर्ष है। मैं 12वीं कक्षा में पढ़ता हूं और मैं दिल्ली का निवासी हूं। प्यार से सब लोग मुझे रामू बुलाते हैं। मुझे फुटबॉल खेलना बहुत पसंद है, परंतु मैं सिंगर बनना चाहता हूं। मैं अभी से ही सिंगिंग का अभ्यास करता हूं। हम दो भाई और एक बहन है। मैं उन में सबसे बड़ा हूं। मैं रोजाना अपनी पढ़ाई को 6 घंटे देता हूं ‌। मैंने Leverage Edu के माध्यम से सिंगिंग कॉलेज ज्वाइन किया और अगले हफ्ते में विदेश में सिंगिंग कॉलेज ज्वाइन करने जा रहा हूं। मेरे परिवार में हम 5 सदस्य हैं। मेरे घर के सभी सदस्य Positive Thinking वाले व्यक्ति हैं। मेरी मां एक फैशन डिजाइनर है तथा पिताजी एक सरकारी टीचर है। मेरी बहन इंटीरियर डिजाइनर तथा भाई डॉक्टर बनना चाहता है। मुझे कहानी लेखन में भी रुचि है। मैं अपने खाली समय में  गाने सुनता हूं। मेरे स्कूल तथा परिवार से मैं बहुत खुश हूं। यहां बहुत शांतिपूर्ण और स्वस्थ वातावरण है।

My name is Rohan.मेरा नाम रोहन है (Mera naam Rohan hai)
I am thirteen years old.मैं तेरह वर्ष का हूँ (Mai terah varsh ka hoon)
I have two brothers and one sister.मेरे दो भाई और एक बहन है (Mere do bhai aur ek bahan Hai)
I live in Delhi.मैं दिल्ली में रहता हूँ (Mai Delhi mai rahta hoon)
My Father is a Doctor.मेरे ​पिताजी एक डॉक्टर है (Mere pitajee ek doctor hai)
I Read in class eighth. मैं आठवीं कक्षा में पढ़ता हूँ (Mai aathavi kaksha mai me padta hoon.)
I get up at 5 o’clock in the morning.मैं सुबह पांच बजे उठता हूँ | ( Main subah Panch baje udthaa hoon. )
My elder sister is a teacher.मेरी बड़ी बहन अध्यापिका है| ( Meri badi bahan adhyapika hain. )
My aim in life is to become a Police.मेरे जीवन का उद्धेश्य पुलिस बनना है | ( Mere jeevan kaa uddheshya police bannaa hai. )
I go to school by bicycle.मैं विद्यालय साइकिल से जाता हूँ | ( Main vidhyalay cycle se jaataa hoon. )
I like to play Football.मुझे फुटबॉल खेलना पसंद है। (Mujhe football khelna pasand hai)
My mother is a Housewife .मेरी मां एक गृहणी है। (Meri maa ek grahani hai)
I read newspaper Daily.मैं रोजाना अखबार पढ़ता हूं। (Main rojna akhabar padhta hun)
My national language hindi and mother tongue is Punjabi.मेरा राष्ट्रभाषा हिन्दी है, और मेरी मातृभाषा पंजाबी है | (Meraa rashtrabhasha hindi hai, aur meree mathrubhasha punjabi hai)
I wish to be honest to everybody.मैं सदा हर एक के प्रति ईमानदार बना रहना चाहता हूँ | ( Main sadaa har ek ke parti eemaandaar banaa rahnaa chahataa hoon. )

डिग्री छात्र के लिए सेल्फ इंट्रोडक्शन टिप्स

अपने बारे में संक्षिप्त जानकारी के साथ शुरू करें, अपनी उपलब्धियों को उजागर करें और अंत में विभेदकों को सूचीबद्ध करें। कुल मिलाकर, निम्नलिखित कारकों पर प्रकाश डालना सुनिश्चित करें-

  • अपने पिछले स्कूल या कॉलेज में प्राप्त पदों, और पुरस्कार या प्रशंसा के साथ एजुकेशनल बैकग्राउंड। 
  • सिलेबस/ विषय चुनने के पीछे आपकी प्रेरणा। यह सबसे अच्छा होगा यदि आपने लिखा है कि आप अपने चुने हुए सिलेबस, विषय में आपकी रुचि, और आप एक अच्छा फिट कैसे होना चाहते हैं, का अध्ययन करना चाहते हैं।
  • प्रासंगिक कौशल और ज्ञान के साथ अपने निबंध को पूरक। अपने शौक / जुनून और जीवन के लक्ष्यों को सूचीबद्ध करके इसे और अधिक प्रभावशाली बनाएं।

मेरा नाम ______ है, और मुझे जीव विज्ञान और मानव शरीर विज्ञान में रुचि है। मैं हमेशा जीव विज्ञान का अध्ययन करने के लिए उत्सुक रहा हूं क्योंकि मेरे माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं, और उनके साथ चर्चा ने स्वास्थ्य उद्योग के मेरे ज्ञान का विस्तार किया है।

मैं मेडिकल क्लब का सह-नेता था और हाई स्कूल के दौरान अपने माता-पिता के अस्पताल में स्वयं सेवा करता था। यह सब हाथ से अनुभव ने मुझे सिखाया कि कैसे मरीजों और अस्पताल प्रशासकों के साथ बातचीत करें। मेरी ताकत उत्कृष्ट नेतृत्व कौशल, समस्या-समाधान और काम करने की पहल करना है।

मेरा लक्ष्य मानव शरीर विज्ञान में अपने प्रमुख को पूरा करना और कैंसर अध्ययन में योगदान करना है। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद मैं रिसर्च में काम करना चाहूंगा। 

यदि आप एक नौकरी के लिए आवेदन करने वाले एक नए-नए ग्रेजुएट हैं, तो आपको इस तथ्य से शुरू करना चाहिए कि आपने अभी स्नातक किया है और समझाएं कि आपने अध्ययन के इस क्षेत्र को क्यों चुना।  यहाँ ताजे स्नातकों के लिए “मुझे अपने बारे में बताएं” उत्तर का एक उदाहरण है:

मेरा नाम ______ है, और मैंने हाल ही में बायोटेक्नोलॉजी में B.Tech के साथ विश्वविद्यालय _____ से ग्रेजुएशन किया है। अपने पाठ्यक्रम के दौरान, मैं विभिन्न फर्मों के साथ कई इंटर्नशिप में शामिल था, और मैं जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महत्वपूर्ण दक्षताओं से परिचित हूं। मैं विभिन्न छात्र निकायों का भी हिस्सा था और 3.8 का जीपीए बनाए रखा। अब, मैं अपनी शिक्षाओं का लाभ उठाना चाह रहा हूँ और कुछ कार्य अनुभव प्राप्त कर रहा हूँ। मैं इस क्षेत्र की अपनी समझ के माध्यम से आपके जैसे एक संगठन के लिए मूल्य लाऊंगा।

हाय, मेरा नाम एश्ले हैरिस है। मैं मिरांडा हाउस, दिल्ली विश्वविद्यालय से हाल ही में ग्रेजुएट हूं, जहां मैंने अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं मिरांडा हाउस में वार्षिक आवधिक के संपादक थे और कारवां और द इंडियन एक्सप्रेस में दो इंटर्नशिप भी पूरी की। मैं आपके संगठन में एक सहायक संपादक के रूप में इस पद को पाने के लिए उत्साहित था और मुझे विश्वास है कि मैं इस भूमिका के लिए बहुत फिट रहूंगा।

“मुझे self introduction देने के लिए धन्यवाद, सर / मैडम। मैं गौरव खुराना हूं और मैंने अपने परिवार के साथ दिल्ली में अपनी मां और पिता को रखा। एक प्रमाणित पेशेवर होने के नाते, मैंने VIT वेल्लोर से नेटवर्किंग और सुरक्षा में विशेषज्ञता के साथ कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बीटेक किया है । मैं हाल ही में CCNA प्रमाणन परीक्षा के लिए उपस्थित हुआ हूं और मुझे परिणाम का इंतजार है। अपने स्कूल के दिनों से, मैं कंप्यूटर और नेटवर्क के बारे में काफी भावुक रहा हूं और हमेशा से लाइव स्विच पर काम करना चाहता था। मेरे शौक और रुचियों के बारे में बात करते हुए, मुझे टेबल टेनिस खेलना बहुत पसंद है और मैं अपने स्कूल में खेल कप्तान था। हमने टेबल टेनिस में बहुत सारे इंटर-स्कूल और अंतर-राज्य टूर्नामेंट जीते हैं और स्कूल में प्रशंसा हासिल की है। ”

हाय, मैं हैरी विलियम्स हूं और अब तक 3 साल तक डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर के रूप में काम कर चुका हूं। मैं पिछले 2 वर्षों से Leverage Edu में SEO मार्केटिंग टीम का एक हिस्सा था और इससे पहले मैंने इन्फिनिटी इंक। में एक साल तक काम किया था। मुझे ऑन-पेज और ऑफ-पेज एसईओ के साथ-साथ सामग्री विपणन टूल का भी पूरा ज्ञान है। मेरा मानना है कि मैं इस प्रोफाइल के लिए सही उम्मीदवार हूं क्योंकि मेरे पास आवश्यक कौशल और अनुभव है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपकी ऑनलाइन पहुंच का विस्तार करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा और विभिन्न मीडिया चैनलों में बेहतर ऑनलाइन उपस्थिति को पूरा करने में आपकी मदद करूंगा।

आशा है, आपको Self Introduction in Hindi का ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहिए।

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रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।

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निबंध (Hindi Essay)

आजकल के समय में निबंध लिखना एक महत्वपूर्ण विषय बन चुका है, खासतौर से छात्रों के लिए। ऐसे कई अवसर आते हैं, जब आपको विभिन्न विषयों पर निबंधों की आवश्यकता होती है। निबंधों के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए हमने इन निबंधों को तैयार किया है। हमारे द्वारा तैयार किये गये निबंध बहुत ही क्रमबद्ध तथा सरल हैं और हमारे वेबसाइट पर छोटे तथा बड़े दोनो प्रकार की शब्द सीमाओं के निबंध उपलब्ध हैं।

निबंध क्या है?

कई बार लोगो द्वारा यह प्रश्न पूछा जाता है कि आखिर निबंध क्या है? और निबंध की परिभाषा क्या है? वास्तव में निबंध एक प्रकार की गद्य रचना होती है। जिसे क्रमबद्ध तरीके से लिखा गया हो। एक अच्छा निबंध लिखने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए जैसे कि – हमारे द्वारा लिखित निबंध की भाषा सरल हो, इसमें विचारों की पुनरावृत्ति न हो, निबंध के विभिन्न हिस्सों को शीर्षकों में बांटा गया हो आदि।

यदि आप इन बातों का ध्यान रखगें तो एक अच्छा निबंध(Hindi Nibandh) अवश्य लिख पायेंगे। अपने निबंधों के लेखन के पश्चात उसे एक बार अवश्य पढ़े क्योंकि ऐसा करने पर आप अपनी त्रुटियों को ठीक करके अपने निबंधों को और भी अच्छा बना पायेंगे।

हम अपने वेबसाइट पर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के निबंध(Essay in Hindi) उपलब्ध करा रहे हैं| इस प्रकार के निबंध आपके बच्चों और विद्यार्थियों की अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों जैसे: निबंध लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिता और विचार-विमर्श में बहुत सहायक हो साबित होंगे।

ये सारे ‎हिन्दी निबंध (Hindi Essay) बहुत आसान शब्दों का प्रयोग करके बहुत ही सरल और आसान भाषा में लिखे गए हैं। इन निबंधों को कोई भी व्यक्ति बहुत ही आसानी से समझ सकता है। हमारे वेबसाइट पर स्कूलों में दिये जाने वाले निबंधों के साथ ही अन्य कई प्रकार के निबंध उपलब्ध है। जो आपके परीक्षाओं तथा अन्य कार्यों के लिए काफी सहायक सिद्ध होंगे, इन दिये गये निबंधों का आप अपनी आवश्यकता अनुसार उपयोग कर सकते हैं। ऐसे ही अन्य सामग्रियों के लिए भी आप हमारी वेबसाइट का प्रयोग कर सकते हैं।

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दा इंडियन वायर

बेटी बचाओ पर निबंध

i am a girl essay in hindi

By विकास सिंह

save girl child essay in hindi

विषय-सूचि

बेटी बचाओ पर निबंध, save girl child essay in hindi (100 शब्द)

सामाजिक संतुलन को बनाए रखने के लिए समाज में लड़कियां भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितनी कि लड़के। कुछ साल पहले, पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या में भारी कमी थी। ऐसा कन्या भ्रूण हत्या, दहेज हत्या, बलात्कार, गरीबी, अशिक्षा, लिंग भेदभाव और कई और अधिक महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के कारण हुआ।

समाज में महिलाओं की संख्या की बराबरी करने के लिए, लोगों को बताना बहुत जरूरी है कि बालिकाओं को बचाया जाए। भारत सरकार ने बालिकाओं को बचाने के बारे में कुछ सकारात्मक कदम उठाए हैं जैसे घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 से महिलाओं की सुरक्षा, कन्या भ्रूण हत्या, अनैतिक यातायात (रोकथाम) अधिनियम, उचित शिक्षा, लिंग समानता, आदि।

बेटी बचाओ पर निबंध, save girl child essay in hindi (150 शब्द)

बेटी बचाओ विषय पूरे भारत में सभी का ध्यान केंद्रित करने के लिए रहा है ताकि महिलाओं की समग्र सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। केंद्र या राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं को बचाने के संबंध में कुछ पहलें शुरू की गई हैं:

  • बालिकाओं की सुरक्षा के लिए, दिल्ली और हरियाणा सरकार द्वारा 2008 में एक लाडली योजना शुरू की गई थी और इसे लागू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या पर नियंत्रण के साथ-साथ शिक्षा और समान लिंग अधिकारों के माध्यम से बालिकाओं की स्थिति में सुधार करना था।
  • 2011 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू की गई सबला योजना, जिसका उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से किशोर लड़कियों को सशक्त बनाना है।
  • धनलक्ष्मी योजना 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य जन्म, पंजीकरण और टीकाकरण के बाद बालिकाओं के परिवार को नकद हस्तांतरण प्रदान करना था।
  • किशोरी शक्ति योजना का शुभारंभ महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा किशोरियों की पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से किया गया था।
  • सुकन्या समृद्धि योजना को परिवार द्वारा एक बालिका के लिए समान हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था।
  • बेटी बचाओ, बेटी पढाओ (बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का मतलब है) योजना महिलाओं के कल्याण के लिए 2015 में शुरू की गई थी।

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बेटी बचाओ पर निबंध, essay on save girl child in hindi (200 शब्द)

देशभर में बालिकाओं को बचाने के संबंध में सेव गर्ल चाइल्ड अब एक महत्वपूर्ण सामाजिक जागरूकता का विषय है। निम्नलिखित कई प्रभावी उपाय हैं, जिनसे बालिकाओं को काफी हद तक बचाया जा सकता है। समाज में गरीबी का बहुत बड़ा स्तर है जो भारतीय समाज में अशिक्षा और लैंगिक असमानता का बड़ा कारण है।

शिक्षा गरीबी और लिंग भेदभाव को कम करने के साथ-साथ भारतीय समाज में बालिका और महिला की स्थिति में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण तत्व है। आंकड़ों के अनुसार, यह पाया गया है कि ओडिशा में महिला साक्षरता लगातार कम हो रही है, जहां बालिका शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रही है।

शिक्षा का रोजगार से गहरा संबंध है। कम शिक्षा का मतलब है कम रोजगार जो समाज में गरीबी और लैंगिक असमानता को जन्म देता है। महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए शिक्षा सबसे प्रभावी कदम है क्योंकि यह उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाता है।

समाज में महिलाओं के लिए समान अधिकारों और अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा बालिका बचाओ कदम उठाया जाता है। बॉलीवुड अदाकारा (परिणीति चोपड़ा) बालिका बचाओ (बेटी बचाओ, बेटी पढाओ) के लिए पीएम की हालिया योजना की आधिकारिक ब्रांड एंबेसडर रही हैं।

बेटी बचाओ पर निबंध, save girl child essay in hindi (250 शब्द)

भारतीय समाज में लड़कियों की स्थिति पर कई वर्षों से बहुत बहस हुई है। लड़कियों को आमतौर पर खाना पकाने और गुड़िया के साथ खेलने में शामिल माना जाता है, जबकि लड़कों को शिक्षा और अन्य शारीरिक गतिविधियों में शामिल किया जाता है।

पुरुषों की ऐसी पुरानी धारणाओं ने उन्हें महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिए प्रेरित किया है जिसके परिणामस्वरूप समाज में बालिकाओं की संख्या में लगातार कमी आई है। इसलिए, देश के विकास को सुनिश्चित करने के लिए दोनों के अनुपात को बराबर करने के लिए बालिकाओं को बचाने की एक बड़ी आवश्यकता है।

सेव गर्ल चाइल्ड के बारे में प्रभावी कदम

बालिकाओं को बचाने के लिए विभिन्न प्रभावी कदम निम्नलिखित हैं:

भारतीय समाज में लड़की की स्थिति लड़के-बच्चे के लिए माता-पिता की अत्यधिक इच्छा के कारण पिछड़ी है। इसने समाज में लैंगिक असमानता पैदा की है और लैंगिक समानता लाकर इसे दूर करना बहुत आवश्यक है। समाज में अत्यधिक गरीबी ने महिलाओं के खिलाफ दहेज प्रथा के रूप में सामाजिक बुराई पैदा की है जो महिलाओं की स्थिति को खराब करती है।

आमतौर पर माता-पिता सोचते हैं कि लड़कियां केवल पैसे खर्च करने के लिए होती हैं, इसलिए वे जन्म से पहले या बाद में कई तरीकों से कन्या भ्रूण हत्या करते हैं (कन्या भ्रूण हत्या, दहेज हत्या आदि)। बालिकाओं को बचाने के लिए ऐसे मुद्दों को तत्काल हटाने की आवश्यकता है।

निरक्षरता एक और मुद्दा है जिसे दोनों लिंगों के लिए उचित शिक्षा प्रणाली के माध्यम से हटाया जा सकता है। बालिकाओं को बचाने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना सबसे प्रभावी उपकरण है। बालिकाओं को बचाने के बारे में कुछ प्रभावी अभियानों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए।

एक बालिका अंदर और साथ ही माता के गर्भ के बाहर असुरक्षित है। वह उन सभी पुरुषों के साथ जीवन के दौरान कई तरह से डरती है जिन्हें वह जन्म देती है। वह उन पुरुषों द्वारा शासित है जिन्हें वह जन्म देती है और यह पूरी तरह से हमारे लिए हंसी और शर्म की बात है।

बालिकाओं को बचाने और सम्मान देने की क्रांति लाने के लिए शिक्षा सबसे अच्छा साधन है। एक बालिका को हर क्षेत्र में समान पहुंच और अवसर दिए जाने चाहिए। सभी सार्वजनिक स्थानों पर लड़कियों के लिए सुरक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए। बालिका अभियान को सफल बनाने के लिए बालिका के परिवार के सदस्यों को बेहतर लक्ष्य बनाया जा सकता है।

निष्कर्ष:

बेटी बचाओ को लोगों द्वारा केवल विषय के रूप में नहीं लिया जाता है, यह एक सामाजिक जागरूकता है जिसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। लोगों को बालिकाओं को बचाना चाहिए और बालिकाओं का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उनके पास पूरी दुनिया बनाने की शक्ति है। उन्हें किसी भी देश के विकास और उन्नति के  लिए समान रूप से आवश्यक है।

बेटी बचाओ पर निबंध, save girl child essay in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना:.

भारत में लड़कियां कई अपराधों की शिकार रही हैं। सबसे भयावह अपराध कन्या भ्रूण हत्या थी जिसमें अल्ट्रासाउंड के माध्यम से लिंग निर्धारण के बाद लड़कियों को माँ के गर्भ में मार दिया जाता था। सरकार द्वारा कन्या भ्रूण के लिंग-चुनिंदा गर्भपात के साथ-साथ बालिकाओं के खिलाफ अन्य अपराधों को समाप्त करने के लिए बालिका बचाओ अभियान शुरू किया गया है।

कन्या भ्रूण हत्या का प्रभाव:

कन्या भ्रूण हत्या अस्पताल में सेक्स-चयनात्मक गर्भपात के माध्यम से सबसे भयावह कृत्यों में से एक थी। यह भारत में महिला बच्चे की तुलना में लड़के बच्चे में अधिक रुचि द्वारा विकसित किया गया था। इसने भारत में बालिका लिंगानुपात को काफी हद तक कम कर दिया है।

यह अल्ट्रासाउंड तकनीक की वजह से देश में संभव हुआ। लिंग भेदभाव और समाज में लड़कियों के लिए असमानता के कारण इसने विशालकाय दानव का रूप ले लिया। 1991 की राष्ट्रीय जनगणना के बाद महिला लिंगानुपात में भारी कमी देखी गई। फिर 2001 की राष्ट्रीय जनगणना के बाद इसे समाज की एक विकट समस्या के रूप में घोषित किया गया।

हालांकि, 2011 तक महिला आबादी में कमी जारी रही। बाद में, यह प्रथा महिला बच्चे के अनुपात को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा कड़ाई से प्रतिबंधित किया गया था।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ जागरूकता अभियान की भूमिका

बेटी बचाओ, बेटी पढाओ एक ऐसी योजना है जिसका अर्थ है बालिकाओं को बचाना और बालिकाओं को शिक्षित करना। यह योजना भारत सरकार द्वारा 2015 में 22 जनवरी को शुरू की गई थी ताकि बालिकाओं के लिए जागरूकता पैदा की जा सके और साथ ही महिलाओं के कल्याण में सुधार किया जा सके।

यह अभियान समाज के अधिक लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ गतिविधियों जैसे कि बड़ी रैलियों, दीवार पेंटिंग, टेलीविजन विज्ञापनों, होर्डिंग, लघु एनिमेशन, वीडियो फिल्मों, निबंध लेखन, वाद-विवाद आदि का आयोजन करके शुरू किया गया था। इसमें अधिक जागरूकता के लिए कुछ प्रसिद्ध हस्तियां भी शामिल थीं।

इस अभियान को भारत के विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों का समर्थन प्राप्त है। इस योजना ने पूरे काउंटी में बालिकाओं को बचाने के साथ-साथ भारतीय समाज में बालिका की स्थिति में सुधार के बारे में जागरूकता फैलाने में एक महान भूमिका निभाई है।

भारत के प्रत्येक नागरिक को समाज में स्थिति सुधारने के साथ-साथ बालिकाओं को बचाने के लिए बनाए गए सभी नियमों और कानूनों का पालन करना चाहिए। लड़कियों को अपने माता-पिता द्वारा लड़कों के समान माना जाना चाहिए और सभी कार्य क्षेत्रों में समान अवसर दिए जाने चाहिए।

बेटी बचाओ पर निबंध, save girl child essay in hindi (400 शब्द)

मनुष्य और स्त्री दोनों की समान भागीदारी के बिना पृथ्वी पर मानव जाति का अस्तित्व असंभव है। दोनों ही पृथ्वी पर मानव जाति के अस्तित्व के साथ-साथ किसी भी देश के विकास और उन्नति के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। हालांकि, यह कहने में कोई संदेह नहीं है कि एक महिला पुरुष की तुलना में अधिक आवश्यक है क्योंकि उसके बिना हम मानव जाति की निरंतरता के बारे में नहीं सोच सकते क्योंकि वह मानव को जन्म देती है।

इसलिए, बालिकाओं की हत्या नहीं की जाती है, उन्हें बचाया जाना चाहिए, उनका सम्मान किया जाना चाहिए और उन्हें आगे बढ़ने के समान अवसर दिए जाने चाहिए। वे जड़ निर्माण के स्रोत हैं और सभ्यता की नियति को आकार देने में मदद करते हैं। हालाँकि, महिलाएं अपने ही आकार की सभ्यता में कन्या भ्रूण हत्या, बलात्कार, यौन उत्पीड़न, दहेज हत्या आदि का शिकार रही हैं। कितनी शर्म की बात है!

बालिका को क्यों बचाना है ?

समाज में लोगों द्वारा विभिन्न कारणों से एक बालिका को बचाया जाना चाहिए:

  • वे किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम सक्षम नहीं हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ देती हैं।
  • 1961 से कन्या भ्रूण हत्या गैरकानूनी अपराध है और सेक्स-सेलेक्टिव गर्भपात को रोकने के लिए इस पर प्रतिबंध लगाया गया है। लोगों को बालिकाओं को बचाने के लिए सभी नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
  • लड़कियां लड़कों की तुलना में अधिक आज्ञाकारी हो जाती हैं और कम हिंसक और अभिमानी साबित हुई हैं।
  • वे अपने परिवार, नौकरी, समाज या देश के लिए बहुत जिम्मेदार साबित हुए हैं।
  • वे अपने माता-पिता की बहुत देखभाल करते हैं और अपनी नौकरी के लिए समर्पित हो जाते हैं।
  • एक महिला एक माँ, पत्नी, बेटी, बहन आदि हो सकती है। प्रत्येक पुरुष को यह सोचना चाहिए कि उसकी पत्नी किसी अन्य पुरुष की बेटी है और उसकी बेटी भविष्य में किसी अन्य पुरुष की पत्नी होगी। तो, हर किसी को किसी भी रूप में एक महिला का सम्मान करना चाहिए।
  • एक लड़की अपने दोनों कर्तव्यों के साथ-साथ पेशेवर रूप से बहुत ही पेशेवर रूप से प्रदर्शन करती है जो उसे लड़कों की तुलना में विशेष बनाती है।
  • लड़कियां मानव जाति के अस्तित्व का अंतिम कारण हैं।

सरकार द्वारा बालिकाओं को बचाने के लिए उठाए गए कदम:

भारत सरकार द्वारा बालिकाओं को बचाने और बालिकाओं को शिक्षित करने के संबंध में विभिन्न कदम उठाए गए हैं। इस बारे में सबसे हालिया पहल बेटी बचाओ बेटी पढाओ है जो सरकार, गैर सरकारी संगठनों, कॉर्पोरेट समूहों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों द्वारा बहुत सक्रिय रूप से समर्थित है।

विभिन्न सामाजिक संगठनों ने कन्या विद्यालयों में शौचालय का निर्माण कर अभियान में मदद की है। भारत के विकास और विकास के रास्ते में बालिकाओं और महिलाओं के खिलाफ अपराध बड़ी बाधा हैं। कन्या भ्रूण हत्या एक बड़ा मुद्दा था, लेकिन सरकार ने अस्पतालों में लिंग निर्धारण, स्कैन परीक्षण, एमनियोसेंटेसिस आदि के लिए अल्ट्रासाउंड पर रोक लगा दी है। सरकार ने लोगों को यह बताने के लिए यह कदम उठाया है कि समाज में एक बालिका एक पाप नहीं है; वह भगवान का एक अच्छा उपहार है।

एक बालिका की हत्या, घृणा या अनादर नहीं किया जाना चाहिए। उसे समाज और देश की भलाई के लिए बचाया, प्यार और सम्मान दिया जाना चाहिए। वह लड़कों की तरह देश के विकास में बराबर की भागीदार है।

इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Updated On: September 02, 2024 06:26 pm IST

निबंध किसे कहते हैं? (What is Essay?)

निबंध की परिभाषा (definition of essay in hindi).

  • निबंध के कितने अंग होते हैं 
  • निबंध कितने प्रकार का होता है (Types of Essay in …

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi/ Hindi me Nibandh)

निबंध के कितने अंग होते हैं

निबंध कितने प्रकार का होता है (types of essay in hindi ), हिंदी में निबंध (essay in hindi) लिखते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए-.

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